चीन में बाघ के पेशाब से इलाज! कोई पी रहा तो कोई लगा रहा? इन बीमारियों के ठीक होने का दावा

चीन के चिड़ियाघर ने दावा किया है कि बाघ के पेशाब और वाइन के मिश्रण से रुमेटॉइड आर्थराइटिस और अन्य बीमारियों का इलाज संभव है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब एक आगंतुक ने सोशल मीडिया पर इस उत्पाद के बारे में पोस्ट किया.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
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चीन में जानवरों से जुड़े विवादों का इतिहास रहा है, लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने लोगों को चौंका दिया है. दक्षिण-पश्चिमी चीन के सिचुआन प्रांत में स्थित यान बिफेगक्सिया वाइल्डलाइफ जू इन दिनों सुर्खियों में है, क्योंकि यहां साइबेरियाई बाघों के मूत्र को दवा के तौर पर बेचा जा रहा है.

चिड़ियाघर ने दावा किया है कि बाघ के पेशाब और वाइन के मिश्रण से रुमेटॉइड आर्थराइटिस और अन्य बीमारियों का इलाज संभव है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, यह मामला तब सामने आया जब एक आगंतुक ने सोशल मीडिया पर इस उत्पाद के बारे में पोस्ट किया. चिड़ियाघर में 250 ग्राम बाघ के मूत्र की बोतलें 50 युआन (करीब 7 डॉलर) में बेची जा रही थीं. भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत लगभग 600 रुपये पड़ती है.

इस दावे पर भड़के सोशल मीडिया यूजर्स

इस दावे के सामने आते ही सोशल मीडिया पर बवाल मच गया. कई यूजर्स ने इस पर नाराजगी जताई और इसे अवैज्ञानिक और बेतुका बताया. लोग इस तरह के उत्पाद को जानवरों के शोषण का प्रतीक मानते हुए इसकी कड़ी आलोचना कर रहे हैं. चीन में जानवरों से जुड़े मुद्दे विवादों का विषय रहे हैं. टाइगर फार्मिंग, पांडा डिप्लोमेसी, और परंपरागत चीनी दवाओं में जानवरों के अंगों के इस्तेमाल को लेकर पहले भी वैश्विक स्तर पर आलोचना हो चुकी है. इस घटना ने एक बार फिर से जानवरों के संरक्षण और उनके उपयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

इन बीमारी के ठीक होने का दावा

चीन के यान बिफेगक्सिया वाइल्डलाइफ जू में बाघ के मूत्र को दर्द और गठिया जैसी बीमारियों के इलाज के लिए बेचने के दावे ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. इसे लेकर भी चिड़ियाघर ने निर्देश दिए हैं. इसके लिए बाघ के पेशाब को व्हाइट वाइन और अदरक के टुकड़ों के साथ मिलाकर वहां लगाना है, जहां दर्द है. जू ने तो यहां तक कहा है कि बाघ की यूरिन को पी भी सकते हैं. लेकिन कहा है कि अगर किसी को कोई भी एलर्जी हो तो वो इसका सेवन न करें.

चीन में मचा बवाल

चिड़ियाघर के एक स्टाफ मेंबर ने कहा है कि बाघ के पेशाब करने के बाद मूत्र को एक बेसिन से इकट्ठा किया जाता है. लेकिन यह नहीं बताया कि इसे कीटाणुरहित किया जाता है या नहीं. बीमारी में बाघ की यूरिन के सेवन की इस खबर ने चीन में बवाल मचा दिया है. कई डॉक्‍टर्स इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. डॉक्‍टरों का कहना है कि इस तरह अप्रमाणित उपचारों को बढ़ावा देने से कई तरह के खतरे पैदा हो गए हैं.

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