VIDEO: राफा हेल्प सेंटर के पास हुई गोलीबारी, लोगों पर बरसा मौत का साया, 26 की मौत कई घायल
इजरायली फौज ने अमेरिकी समर्थन वाले सहायता केंद्र के पास गोलियां चलाकर कम से कम 26 फ़लस्तीनी मारे और 80 से ज़्यादा घायल हो गए. यह घटना रविवार को गाज़ा के राफाह इलाके में हुई, जहां हजारों फ़लस्तीनी अल-अलम चौक के पास जमा थे.;
इजरायली फौज ने अमेरिकी समर्थन वाले सहायता केंद्र के पास गोलियां चलाकर कम से कम 26 फ़लस्तीनी मारे और 80 से ज़्यादा घायल हो गए. यह घटना रविवार को गाज़ा के राफाह इलाके में हुई, जहां हजारों फ़लस्तीनी अल-अलम चौक के पास जमा थे. यह जगह गाज़ा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF) द्वारा संचालित सहायता केंद्र के निकट है. इसी दौरान इजरायली टैंक वहां पहुंचे और भीड़ पर गोलियां चला दीं.
यह घटना उस समय हुई जब अमेरिका ने हमास के युद्धविराम प्रस्ताव को पूरी तरह अस्वीकार्य करार दिया था. घायल लोगों को नासिर अस्पताल पहुंचाया गया, जो खान युनिस में मौजूद कुछ काम कर रहे अस्पतालों में से एक है. घायल लोगों को गधे की गाड़ियों से अस्पताल ले जाया गया, जैसा कि बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हुई.
हमास ने इस हमले के तुरंत बाद इजरायली फौजों पर 'भुखमरी से जूझ रहे नागरिकों के खिलाफ एक नया कत्लेआम' करने का आरोप लगाया, जो कथित 'मानव सहायता वितरण केंद्रों' पर इकट्ठे हुए थे. हमास ने कहा कि ये केंद्र "मौत के जाल हैं, न कि मानवीय राहत स्थल.
गाज़ा में मानवाधिकार संकट को लेकर इजरायल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि पूरे गाज़ा क्षेत्र की आबादी भूखमरी का सामना कर रही है क्योंकि मार्च से इजरायल ने सहायता पर सख्त रोक लगा रखी है.
GHF, जो इजरायल और अमेरिका के समर्थन वाली एक निजी संस्था है, 26 मई से गाज़ा में भोजन वितरण कर रही है। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और अन्य राहत एजेंसियों ने GHF की सहायता प्रक्रिया की आलोचना की है, कहते हुए कि यह मानवीय सिद्धांतों का उल्लंघन करती है और फ़लस्तीनी लोगों के लिए जोखिम बढ़ाती है.
संयुक्त राष्ट्र की विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने इजरायल से अपील की है कि गाज़ा में खाद्य सहायता तेजी से पहुंचाई जाए, क्योंकि बढ़ती हताशा असुरक्षा को बढ़ावा दे रही है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य बड़े राहत संगठन GHF के साथ सहयोग करने से इंकार कर चुके हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह सहायता इजरायली सैन्य उद्देश्यों को पूरा करती है.