जल्द ख़त्म होगा यूक्रेन-रूस वॉर! अमेरिका का दवाब नहीं आया काम, यूएन ने दे दिया तगड़ा झटका

रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल पूरे हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूक्रेन के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसमें रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की गई. अमेरिका अपने प्रस्ताव को पास कराने में असफल रहा. यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि अगर उनके देश को शांति या नाटो सदस्यता मिलती है, तो वे पद छोड़ने को तैयार हैं.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को अब तीन साल पूरे हो चुके हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस संघर्ष को जल्द से जल्द खत्म करवाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, रूस के लिए एक बुरी खबर सामने आई है. सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूक्रेन द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इस प्रस्ताव में रूस से अपनी सभी सेना को तुरंत यूक्रेन से वापस बुलाने की मांग की गई है.

संयुक्त राष्ट्र महासभा में अमेरिका ने भी एक प्रस्ताव रखा था, जिसमें रूस की आक्रामकता का सीधे तौर पर उल्लेख किए बिना युद्ध समाप्त करने की अपील की गई थी. हालांकि, अमेरिका अपने इस प्रस्ताव को पास करवाने में विफल रहा. इसके विपरीत, यूरोपीय देशों द्वारा समर्थित यूक्रेन के प्रस्ताव को महासभा ने मंजूरी दे दी, जिसमें रूस से तत्काल पीछे हटने की मांग की गई थी.

भारत वोटिंग में नहीं हुआ शामिल

संयुक्त राष्ट्र महासभा में कुल 193 सदस्य देश शामिल हैं. इसमें से 93 देशों ने यूक्रेन के प्रस्ताव के समर्थन में वोट दिया, जबकि 18 देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया. वहीं, भारत समेत 65 देश इस मतदान से अनुपस्थित रहे। पिछले प्रस्तावों की तुलना में यह संख्या थोड़ी कम है, क्योंकि पहले 140 से अधिक देशों ने रूस की आक्रामकता की निंदा करते हुए यूक्रेन के चार क्षेत्रों से रूसी कब्जा हटाने की मांग की थी.

यूक्रेन को मिल रहा सपोर्ट

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होते, लेकिन इन्हें वैश्विक जनमत का संकेतक माना जाता है. इस प्रस्ताव का पारित होना दर्शाता है कि यूक्रेन को अब भी अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिल रहा है, हालांकि यह पहले की तुलना में कुछ कम हो सकता है.

ज़ेलेंस्की ने कही थी पद छोड़ने की बात

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने युद्ध की तीसरी वर्षगांठ पर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यदि यूक्रेन को शांति की गारंटी दी जाती है या फिर उसे नाटो सैन्य गठबंधन की सदस्यता मिलती है, तो वे अपने पद से इस्तीफा देने को तैयार हैं. ज़ेलेंस्की ने स्पष्ट किया कि यदि उनके देश को स्थायी शांति प्राप्त होती है, तो वे पद छोड़ने में संकोच नहीं करेंगे.

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