हे भगवान अब क्या होगा! कल धरती के बहुत करीब से गुजरेंगे प्लेन आकार के दो एस्टेरॉयड
दोनों एस्टेरॉयड 2024 UX6 और 2024 UT7 अपोलो ग्रुप से जुड़े हुए हैं. वह सोलर सिस्टम के चक्कर लगाते हैं और कभी कभी धरती या अन्य ग्रहों की कक्षा में प्रवेश कर जाते हैं. इन एस्टेरॉयड की नियमित रूप से निगरानी की जाती है क्योंकि वे पृथ्वी और हमारे सौर मंडल के अन्य ग्रहों के करीब आने की क्षमता रखते हैं.;
नासा ने बताया कि हवाई जहाज के साइज के दो एस्टेरॉयड '2024 UX6' और '2024 UT7' 5 नवंबर 2024 को धरती के करीब से गुजरने वाले हैं. नासा ने बताया कि इन दोनों एस्टेरॉयड से धरती को खतरा नहीं है. लेकिन धरती के पास आने पर निगरानी रखने की आवश्यकता है.
ये एस्टेरॉयड ब्रह्मांड में घूमते रहते हैं और चक्कर लगाते लगाते किसी भी ग्रह के गुरुत्वकर्षण क्षेत्र में पहुंच जाते हैं. जब ये एस्टेरॉयड धरती के पास से गुजरेंगे तो इसका फायदा वैज्ञानिकों को मिलने वाला है. उन्हें ब्रह्मांड जे जुड़े रहस्यों पर स्टडी करने में मदद मिल सकती है.
वैज्ञानिकों ने पहले एस्टेरॉयड का नाम 2024 UX6 रखा है. यह लगभग 120 फीट चौड़ा है. यह एक बड़े हवाई जहाज के आकार के बराबर है. यह धरती से लगभग 6.59 मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा, जो 52,894 किमी/घंटा की प्रभावशाली गति से आगे बढ़ेगा. इस एस्टेरॉयड के सबसे करीब पहुंचने का समय 7:07 बजे IST पर है.
वहीं, दूसरे एस्टेरॉयड का नाम 2024 UT7 है यह पहले वाले से साइज में और बड़ा है. यह लगभग 200 फीट की जगह लेता है, जो एक कमर्शियल हवाई जहाज के आकार का है. इसका धरती के और करीब से गुजरने की आशंका है. यह सुबह 8:03 बजे IST पर पृथ्वी से केवल 1.03 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर 29,945 किमी/घंटा की गति से यात्रा करते हुए क्रॉस करेंगा.
धरती से नहीं टकराएंगे दोनों एस्टेरॉयड
दोनों एस्टेरॉयड 2024 UX6 और 2024 UT7 अपोलो ग्रुप से जुड़े हुए हैं. वह सोलर सिस्टम के चक्कर लगाते हैं और कभी कभी धरती या अन्य ग्रहों की कक्षा में प्रवेश कर जाते हैं. इन एस्टेरॉयड की नियमित रूप से निगरानी की जाती है क्योंकि वे पृथ्वी और हमारे सौर मंडल के अन्य ग्रहों के करीब आने की क्षमता रखते हैं. हालांकि ये एस्टेरॉयड पृथ्वी से नहीं टकराएंगे, लेकिन उनके आने वाले भविष्य में नज़दीकी टकरावों को समझने और स्टडी करने में आसानी होगी.
अंतरिक्ष एजेंसियां बना रही ग्रह रक्षा तंत्र
यदि समान आकार के एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराते हैं तो वह ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं, भले ही प्रभाव की संभावना कम होगी। पृथ्वी के वायुमंडल में एस्टेरॉयड के प्रवेश से होने वाली वायु विस्फोट की घटना विनाशकारी प्रभावों के साथ शक्तिशाली शॉकवेव पैदा कर सकती है. नासा और अन्य जैसी अंतरिक्ष एजेंसियां ऐसे खतरों को कम करने के लिए ग्रह रक्षा तंत्र विकसित करने पर ध्यान दे रही है.