ये अवैध है...इन देशों में ज्यादा टैरिफ लगाने पर अमेरिकी कोर्ट ने लगा दी ट्रंप को फटकार, US राष्ट्रपति ने दिया ये जवाब
अमेरिका की फेडरल अपीली अदालत ने ट्रंप द्वारा चीन, कनाडा और मैक्सिको सहित कुछ देशों पर आपातकालीन शक्तियों के तहत लगाए गए अधिकांश टैरिफ्स को अवैध ठहराया है. अदालत ने कहा कि राष्ट्रपति के पास IEEPA के तहत इतनी व्यापक टैरिफ लगाने की शक्ति नहीं थी। इस फैसले से ट्रंप की ट्रेड नीति पर बड़ा झटका लगा है और मामला अब संभवतः सुप्रीम कोर्ट तक जाएगा.;
अमेरिकी संघीय अपील कोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा आपातकालीन शक्तियों के तहत लगाए गए अधिकांश टैरिफ को अवैध करार दिया. इस फैसले ने उनके व्यापार नीति की नींव पर बड़ा प्रहार किया है और अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है.
इस फैसले में अप्रैल में ट्रम्प द्वारा लगाए गए 'प्रतिस्पर्धी' टैरिफ और फरवरी में चीन, कनाडा और मेक्सिको पर लगाए गए टैरिफ शामिल हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अन्य टैरिफ जैसे इस्पात और एल्युमीनियम पर लगाए गए नियमों को प्रभावित नहीं करता.
अपील कोर्ट का मुख्य तर्क
7-4 बहुमत से दिए गए फैसले में कोर्ट ने कहा, 'कानून राष्ट्रपति को कई आपातकालीन कार्य करने की शक्ति देता है, लेकिन इनमें टैरिफ लगाने की शक्ति स्पष्ट रूप से शामिल नहीं है.' कोर्ट ने यह भी कहा कि ट्रम्प ने International Emergency Economic Powers Act (IEEPA) के तहत अपनी सीमा से परे कार्य किया.
ट्रम्प ने IEEPA, 1977 के कानून का इस्तेमाल करते हुए अमेरिकी व्यापार घाटे और अंतरराष्ट्रीय ड्रग फाइलों को लेकर राष्ट्रीय आपातकाल घोषित किया था। प्रशासन का तर्क था कि 'आयात' को नियंत्रित करने' की शक्ति में टैरिफ शामिल है. कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा, “ऐसा लगता नहीं कि कांग्रेस ने IEEPA में राष्ट्रपति को टैरिफ लगाने की असीम शक्ति देने का इरादा किया था. कानून में टैरिफ का कोई उल्लेख नहीं है और न ही इसकी सीमा स्पष्ट है.'
ट्रम्प की प्रतिक्रिया
फैसले के तुरंत बाद ट्रम्प ने इसे 'देश के लिए पूरी तरह से आपदा' बताया. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर अपील कोर्ट पर 'ज्यादा पक्षपाती' होने का आरोप लगाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट उनके पक्ष में निर्णय देगा. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता कुश देसाई ने कहा, 'राष्ट्रपति के टैरिफ अभी भी प्रभाव में हैं और हम इस मामले में अंतिम विजय की आशा रखते हैं.'
टैरिफ का आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव
ट्रम्प ने अपने कार्यकाल में टैरिफ को अमेरिकी विदेशी नीति का केंद्रीय हथियार बनाया. उनका उद्देश्य व्यापार भागीदारों पर दबाव डालना और संशोधित व्यापार समझौते सुनिश्चित करना था. हालांकि, टैरिफ ने वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता भी बढ़ाई. इस मामले में पांच छोटे अमेरिकी व्यवसाय और 12 डेमोक्रेटिक-नेतृत्व वाले राज्यों ने मुकदमे दायर किए, जिसमें तर्क दिया गया कि संविधान के तहत कर और टैरिफ जारी करने की शक्ति केवल कांग्रेस के पास है. इस फैसले के बाद ट्रम्प प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है। न्याय विभाग के अपील की संभावना है और मामला उच्च न्यायालय तक जा सकता है.