सिडनी में भारतीय डॉक्टर की मेडिकल प्रैक्टिस पर बैन, महिला का प्राइवेट पार्ट टच करने और गंदे सवाल पूछने का आरोप
Sydney News: डॉ. बालासिंघम के क्लिनिक में एक महिला पेट दर्द और पीरियड्स मिस की शिकायत लेकर आई. तब डॉक्टर ने बिना उचित सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट की जांच की और यौन रूप से अनुचित व्यवहार किया. अब एक्शन लेते हुए तीन साल उनके मेडिकल प्रैक्टिस पर रोक लगा दी गई है.;
Sydney News: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में रहने वाले भारतीय मूल के डॉक्टर मोहनदास बालासिंघम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है. डॉक्टर पर महिला मरीज के साथ चेकअप के दौरान गलत तरीके से छूने का आरोप के आधार पर तीन साल के लिए मेडिकल प्रैक्टिस पर बैन लगा दिया है.
जानकारी के अनुसार, डॉ. मोहनदास बालासिंघम पर महिला के यौन चेकअप के दौरान उसके फिजिकल रिलेशन का इतिहास और गलत तरीके से टच करने का आरोप लगा था. हालांकि डॉक्टर ने सभी आरोपों का खंडन किया. न्यू साउथ वेल्स सिविल एंड एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (NCAT) की जांच में कथित डॉ. बालासिंघम पर लगे आरोप सच पाए गए.
डॉक्टर पर क्या है आरोप?
सितंबर 2020 में डॉ. बालासिंघम के क्लिनिक में एक महिला पेट दर्द और पीरियड्स मिस की शिकायत लेकर आई. तब डॉक्टर ने बिना उचित सहमति के उसके प्राइवेट पार्ट की जांच की और यौन रूप से अनुचित व्यवहार किया. इसके अलावा उन्होंने महिला से उसके सेक्सुअल रिलेशन के इतिहास के बारे में अनुचित प्रश्न पूछे, जैसे कि उसके साथी कितने थे और वे किस देश के थे.
अकेले में की जांच
ट्राइब्यूनल ने जांच में पाया कि डॉक्टर ने जांच के दौरान किसी फीमेल स्टाफ को नहीं बुलाया, जो संवेदनशील जांच के समय आवश्यक होता है. महिला ने बताया कि जांच के दौरान उसे असहज महसूस हुआ और क्लिनिक से बाहर निकलने के बाद वह रोने लगी. इस घटना की शिकायत महिला ने दो दिन बाद हेल्थ केयर कंप्लेंट्स कमीशन (HCCC) से की, जिसके आधार पर NCAT ने 2023 में सुनवाई की और डॉक्टर को दोषी पाया.
डॉ. बालासिंघम ने दी सफाई
अपने ऊपर लगे आरोपों पर डॉ. बालासिंघम ने सफाई दी और सभी आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने HCCC के खिलाफ 2 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता ने उनसे पैसे ऐंठने के लिए झूठे आरोप लगाए हैं.
पहले भी लगे थे आरोप
डॉ. बालासिंघम ने 1987 में भारत में मेडिकल रजिस्ट्रेशन प्राप्त किया था. वह 2001 में न्यू साउथ वेल्स में रजिस्टर हुए थे. उन्होंने 2019 से 2021 के बीच एक अन्य मरीज के एंटीडिप्रेसेंट और प्रतिबंधित दवाओं के प्रबंधन में भी लापरवाही बरती थी. इससे पहले 2021 में उनके पंजीकरण को निलंबित किया गया था, लेकिन 2022 में कुछ शर्तों के साथ उन्हें फिर से अभ्यास करने की अनुमति दी गई थी. इस बार तील साल के लिए मेडिकल प्रैक्टिस पर ही रोक लगा दी.