इस्कंदर मिसाइल से यूक्रेन पर रूस का ताजा हमला, क्या है 'Iskander', कितना खतरनाक है ये हथियार?
इस्कंदर एक रूसी शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है जिसकी रेंज 500 किलोमीटर तक और गति Mach 6-7 तक होती है, जिससे इसे रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है. यह 'क्वाज़ी-बैलिस्टिक ट्रेजेक्टरी' पर उड़ती है और दिशा बदलकर दुश्मन के डिफेंस को चकमा देती है. इसमें सटीक गाइडेंस सिस्टम, ऑप्टिकल टारगेटिंग और जैमिंग क्षमताएं होती हैं. रूस के पास करीब 100-120 लॉन्चर्स हैं और इसका उपयोग कई युद्धों और रणनीतिक दबाव के लिए किया गया है.;
रूस-यूक्रेन युद्ध में मिसाइल हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. हाल ही में रूस ने यूक्रेन पर फिर एक घातक हमला किया, जिसमें 9K720 Iskander बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया गया. यह हमला न सिर्फ यूक्रेनी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की रणनीति का हिस्सा है, बल्कि रूस के मिसाइल दबदबे का प्रतीक भी है. Iskander को नाटो कोड नेम SS-26 'Stone' दिया गया है और यह एक मोबाइल शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम है, जिसकी रेंज 500 किमी तक है.
इस मिसाइल की सबसे खतरनाक खासियत है - सटीकता, तेज़ रफ्तार, और दुश्मन के बचाव तंत्र को चकमा देने की क्षमता. रूस ने इसे पुराने OTR-23 'Oka' सिस्टम की जगह विकसित किया था, जो 1987 में INF (Intermediate Nuclear Forces) संधि के तहत प्रतिबंधित हो गया था.
Iskander सिर्फ एक मिसाइल नहीं, बल्कि एक पूरा टैक्टिकल सिस्टम है, जो बैलिस्टिक और क्रूज दोनों तरह की मिसाइलें लॉन्च कर सकता है. इसकी मारक क्षमता और विविधता इसे युद्ध का गेमचेंजर बनाती है. यही वजह है कि रूस इसे बार-बार यूक्रेन युद्ध में इस्तेमाल करता आ रहा है, खासकर रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए.
क्या है इस्कंदर मिसाइल?
इस्कंदर एक रूसी शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली (SRBM) है, जिसे बेहद सटीकता के साथ हमले के लिए तैयार किया गया है. इसे 2006 में रूस की सेना में शामिल किया गया था. इस मिसाइल की रेंज लगभग 500 किलोमीटर तक होती है और यह 700 किलोग्राम तक के वारहेड (परमाणु या पारंपरिक) ले जाने में सक्षम है. इसकी रफ्तार माच 6 से माच 7 तक पहुंचती है, यानी यह आवाज की गति से 6-7 गुना तेज उड़ती है. इसी वजह से इसे इंटरसेप्ट करना बेहद कठिन होता है.
यह सिस्टम Iskander-M और Iskander-E जैसे वेरिएंट्स में आता है:
- Iskander-M (9M723): केवल रूसी सेना के लिए
- Iskander-E (9M720): एक्सपोर्ट वर्जन
- Iskander-K: क्रूज मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम
यह सिस्टम बैलिस्टिक और क्रूज दोनों तरह की मिसाइलें दाग सकता है, जो इसे युद्ध के मैदान में बेहद लचीला और खतरनाक बनाता है.
मारक क्षमता और सटीकता
- रेंज: 500 किमी (Iskander-M), 280 किमी (Iskander-E)
- पेलोड: 480 से 700 किलोग्राम
- गाइडेंस: इनर्शियल + GLONASS (रूसी GPS) + ऑप्टिकल सीकर
सटीकता (CEP)
- 200 मीटर (Inertial)
- 50 मीटर (GLONASS)
- 10-20 मीटर (ऑप्टिकल सीकर)
- मिसाइल हवा में 30g तक के तेज़ मोड़ लेने की क्षमता रखती है, जिससे यह एयर डिफेंस को चकमा दे सकती है.
X: @jurgen_nauditt
क्यों खतरनाक है इस्कंदर मिसाइल?
इस मिसाइल को खास बनाती है इसकी 'क्वाज़ी-बैलिस्टिक ट्रेजेक्टरी', यानी यह पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइल की तरह सीधा नहीं उड़ती, बल्कि बीच रास्ते में दिशा बदलने की क्षमता रखती है. इससे दुश्मन की मिसाइल डिफेंस प्रणाली इसे ट्रैक करने में असफल हो सकती है.
यह कई दिशानिर्देशन तकनीकों का इस्तेमाल करती है - जैसे:
- Inertial Navigation System (INS)
- ऑप्टिकल टारगेटिंग (Digital Scene Matching Area Correlation – DSMAC)
- GLONASS सैटेलाइट गाइडेंस
इसकी सटीकता 5 से 7 मीटर CEP (Circular Error Probable) तक मानी जाती है. साथ ही यह मिसाइल फेक टारगेट (Decoys) छोड़ सकती है और इलेक्ट्रॉनिक जैमिंग से रडार को धोखा भी दे सकती है.
- लॉन्चिंग सिस्टम: 9P78 TEL
- व्हीकल: MZKT 7930 ट्रक पर आधारित
- स्पीड: 70 किमी/घंटा
- रेंज: 1100 किमी
- मौसम और रासायनिक युद्ध से सुरक्षा युक्त
- स्वतंत्र संचालन की क्षमता
प्रत्येक लॉन्चर दो मिसाइलों के साथ आता है और फील्ड में दोबारा लोडिंग के लिए सपोर्ट व्हीकल भी होता है.
रूस द्वारा कहां-कहां किया गया इस्तेमाल?
- 2008: जॉर्जिया युद्ध में पहली बार इस्तेमाल
- 2016: सीरिया में तैनाती (मिसाइल का उपयोग नहीं हुआ)
- 2017: ताजिकिस्तान में अभ्यास के दौरान विदेशी धरती पर पहली फायरिंग
- 2022-2025: यूक्रेन युद्ध में नियमित रूप से इस मिसाइल का उपयोग
रूस ने इसे कालिनिनग्राद में स्थायी रूप से तैनात किया है ताकि नाटो देशों (पोलैंड, बाल्टिक स्टेट्स, स्वीडन) को सैन्य रूप से संतुलित रखा जा सके.
अंतरराष्ट्रीय विवाद और INF संधि उल्लंघन
Iskander-K वेरिएंट से SSC-8 (9M729) क्रूज मिसाइल दागने की क्षमता के कारण यह अमेरिका-रूस के बीच विवाद का कारण बना.
- 2014: रूस पर INF संधि तोड़ने का आरोप
- 2019: अमेरिका ने SSC-8 के कारण INF से हटने का ऐलान कर दिया
रूस के पास कितनी इस्कंदर मिसाइलें हैं?
रूस ने इस मिसाइल की सटीक संख्या सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन विभिन्न रक्षा विशेषज्ञों का अनुमान है कि रूस के पास 100 से 120 इस्कंदर लॉन्चर्स हैं, जो विभिन्न सैन्य जिलों में तैनात हैं. हर लॉन्चर में दो मिसाइलें तैनात रहती हैं और रूस के पास पर्याप्त स्टॉक भी है जिससे वह लंबी अवधि तक मिसाइल हमले कर सकता है.
Iskander मिसाइल सिस्टम महज एक हथियार नहीं, बल्कि रूस की रणनीतिक शक्ति और डर का प्रतीक है. इसकी मोबाइल क्षमता, सटीक वार, और बहु-प्रकार मिसाइल लॉन्च करने की ताकत इसे किसी भी युद्ध का निर्णायक कारक बना सकती है. यूक्रेन पर हालिया हमले में इसका इस्तेमाल यह दिखाता है कि रूस अब पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है.