चावल 340 तो चिकन 800 रुपये किलो... कुव्वत नहीं चला था पंगा लेने, पहलगाम में बेकसूरों की मौत का बदला भूखमरी से लेगा भारत

22 अप्रैल की सुबह पहलगाम की ठंडी वादियों में जब हाथों में एके-47 लेकर मासूम और निहत्‍थे लोगों पर गोलियां बरसा रहे थे, तब किसी ने नहीं सोचा था कि इस बार केवल मासूमों की जान नहीं जाएगी, बल्कि पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था की सांसें भी उखड़ जाएंगी.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 29 April 2025 8:00 PM IST

22 अप्रैल की सुबह पहलगाम की ठंडी वादियों में जब हाथों में एके-47 लेकर मासूम और निहत्‍थे लोगों पर गोलियां बरसा रहे थे, तब किसी ने नहीं सोचा था कि इस बार केवल मासूमों की जान नहीं जाएगी, बल्कि पाकिस्तान की डूबती अर्थव्यवस्था की सांसें भी उखड़ जाएंगी. यह हमला सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं था, यह एक 'आर्थिक युद्ध' की शुरुआत बन गया है, जिसमें पाकिस्तान हर दिन लाखों डॉलर गवां सकता है.

2025: पाकिस्तान के लिए दूसरी आर्थिक तबाही का साल?

2022 में डिफॉल्ट से बचते-बचते पाकिस्तान को IMF से लोन मिला, और कुछ राहत भी. 2023 में महंगाई 38% तक पहुंच गई थी, पर 2025 की शुरुआत में महज 0.7% पर आ गई, लगा जैसे कुछ सुधार हो रहा है. लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो कदम उठाए, वो इस मामूली सुधार को फिर से तबाही में बदल सकते हैं.

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर मंडराते संकट के बादल

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही खराब स्थिति में है, और आने वाले समय में हालात और बिगड़ सकते हैं. हाल ही में महंगाई में थोड़ी नरमी आई थी, लेकिन अब इसके फिर से बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के अनुसार, जून 2025 में समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष के दौरान औसत मुद्रास्फीति (महंगाई दर) 5.5% से 7.5% के बीच रह सकती है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चावल, आटा, सब्ज़ियां, फल और चिकन जैसी ज़रूरी खाद्य वस्तुओं के दामों में तेज़ उछाल आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चावल की कीमत बढ़कर 340 पाकिस्तानी रुपये प्रति किलो हो गई है जबकि चिकन की कीमत 800 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. इस तेज़ बढ़ती महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है और आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है.

भारत ने क्या किया?

  • द्विपक्षीय व्यापार पर रोक
  • पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों की वापसी
  • सार्क वीज़ा छूट योजना रद्द
  • सिंधु जल संधि निलंबित

इन सभी कदमों ने पाकिस्तान की रीढ़ की हड्डी - उसकी चरमराती अर्थव्यवस्था पर सीधा हमला किया.

भारत से दवा और रसायन बंद: ज़िंदगी पर मंडराता संकट

संयुक्त राष्ट्र कॉमट्रेड डेटा के अनुसार, 2024 में भारत से पाकिस्तान को 305 मिलियन डॉलर (2.5 खरब रुपये) का सामान गया. इसमें 164 मिलियन डॉलर (14 अरब रुपये) के ऑर्गेनिक केमिकल्स, 121 मिलियन डॉलर (10 अरब रुपये) की दवाइयां शामिल थीं. भारत से आयातित दवाएं और API (Active Pharmaceutical Ingredients) न मिलने का मतलब है पाकिस्‍तन के अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी जिनकी वजह से वहां क्रिटिकल ऑपरेशन रुक सकते हैं और आम आदमी की जेब और जान, दोनों पर संकट आ सकता है.

हवाई क्षेत्र बंद, मगर चोट पाकिस्तान को

भारत के विमानों के लिए पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद करना पाकिस्तान की ही जेब काट सकता है. 2019 के पुलवामा हमले के बाद हुए बंद में पाकिस्तान को करी 8 अरब से ज्‍यादा का नुकसान हुआ था यानी हर दिन करीब 6.5 करोड़ रुपये का घाटा. जिसमें करीब 2.5 करोड़ ओवरफ्लाइट और लैंडिंग फीस में और करीब 4 करोड़ रुपये पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) के ऑपरेशन में नुकसान उठाना पड़ा था. 2025 में ये आंकड़े और ऊंचे हो सकते हैं, क्योंकि भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट बन चुका है.

सिंधु जल संधि निलंबन: पाकिस्तान के खेतों पर मंडरा रहा सूखा

भारत की ओर से सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों के पानी को लेकर दबाव बढ़ाना पाकिस्तान के लिए चेतावनी है. क्योंकि कृषि पाकिस्तान की GDP का 24% है और 37% लोग खेती से रोज़गार पाते हैं. यदि पानी की आपूर्ति रुकी, तो गेहूं, चावल, गन्ना जैसी फसलें बर्बाद हो जाएंगी. विश्व बैंक की ताज़ा रिपोर्ट कहती है कि एक करोड़ से अधिक पाकिस्तानी भूखमरी की कगार पर हैं. अब सोचिए, अगर पानी भी चला गया तो?

बाज़ार में भगदड़: KSE-100 ढहा, निवेशक घबराए

22 अप्रैल के बाद पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) 2,500 अंक गिरकर 1,14,740 पर आ गया. निवेशकों ने पैसे निकालने शुरू कर दिए और डॉलर के मुकाबले पाकिस्‍तानी रुपये की कीमत गिरकर 280.95 रुपये हो गई. इतना ही नहीं, पाकिस्‍तान का विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ 16.04 अरब डॉलर ही रह गया है जबकि भारत के पास 686.2 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है.

क्या यह आर्थिक बर्बादी पाकिस्तान को बदलेगी?

IMF ने पाकिस्तान की विकास दर 3% से घटाकर 2.6% कर दी है. विश्व बैंक ने भी 2.7% अनुमान जताया है. वहीं देश का बजट घाटा GDP का 7.4% है जो कि क्षेत्रीय औसत से दोगुना है. साथ ही देश पर देनदारियों का बोझ बढ़ता जा रहा है. भारत-पाक व्यापार पहले ही 3 बिलियन डॉलर (2018) से गिरकर 1.2 बिलियन डॉलर (2024) तक आ चुका था. अब यह 0 पर आ गया. पाकिस्तान को नए ट्रेड पार्टनर ढूंढने होंगे, वो भी ऐसे समय में जब चीन तक अपनी अर्थव्यवस्था समेट रहा है.

'गोलियों की गूंज' अब सिर्फ बॉर्डर तक नहीं, बाजार तक पहुंचती है

भारत ने शायद पहली बार बंदूक के जवाब में गोली नहीं, बल्कि "बाज़ार की नालियों" को बंद करने का विकल्प चुना है. और यह रणनीति पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के उस झूठे 'रिवाइवल नैरेटिव' को तोड़ रही है, जो IMF के लोन और दिखावटी ग्रोथ आंकड़ों पर टिकी थी. अगर पाकिस्तान नहीं चेता, तो पहलगाम में चली गोलियों की गूंज उसके खेतों, बाज़ारों, और अस्पतालों में Pakistan economic impact, Indo-Pak tension, Pahalgam attack impact on Pakistan economy, Pahalgam attack, Pakistan economy, India Pakistan trade, food inflation Pakistan, IMF growth forecast Pakistan, World Bank report Pakistan, Pakistan food crisis,गूंजेगी क्योंकि आतंक अब सिर्फ जान नहीं, अर्थव्यवस्था भी ले जाता है.

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