फिर Active हुई Putin की विषकन्या! लाल बालों के जादू से बनी Russian Spy Anna Chapman, जानें क्या है नया मिशन

रूस की प्रसिद्ध जासूस अन्ना चैपमैन, जिन्हें 'ब्लैक विडो' भी कहा जाता है, सालों बाद फिर एक्टिव हो गई हैं. अब उनका असली नाम अन्ना रोमानोवा है. 43 वर्षीय अन्ना ने अपनी खूबसूरती, लाल बाल और करिश्माई व्यक्तित्व का इस्तेमाल पश्चिमी दुनिया में गुप्त सूचनाओं तक पहुँच बनाने में किया था. अब उन्हें रूस में 'म्यूजियम ऑफ रशियन इंटेलिजेंस' का प्रमुख नियुक्त किया गया है. यह नया मिशन रूस के खुफिया इतिहास और एसवीआर एजेंसी से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य देश की जासूसी उपलब्धियों को उजागर करना है.;

By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 23 Oct 2025 5:57 PM IST

रूस की सबसे चर्चित जासूस Anna Chapman फिर सुर्खियों में हैं. 15 साल पहले न्यूयॉर्क में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार होने वाली अन्ना को अब मॉस्को में स्थापित रूसी इंटेलिजेंस म्यूजियम का प्रमुख बनाया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह म्यूजियम रूस की प्रमुख विदेशी खुफिया एजेंसी SVR (Foreign Intelligence Service) से जुड़ा हुआ है.

अन्ना चैपमैन का असली नाम अन्ना रोमानोवा है. 43 वर्षीय अन्ना ने अपने करिश्माई व्यक्तित्व और लाल बालों के जादू के दम पर पश्चिमी दुनिया में गुप्त सूचनाओं तक पहुंच बनाई थी. उनके जीवन का यह नया अध्याय रूस में खुफिया इतिहास को उजागर करने का मिशन है.

अन्ना चैपमैन कौन हैं?

अन्ना का जन्म वोल्गोग्राड (पूर्व स्टालिनग्राड) में हुआ. उनके पिता सोवियत संघ के कूटनीतिक अधिकारी थे. उन्होंने मास्को की पीपुल्स फ्रेंडशिप यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की. 2001 में उन्होंने ब्रिटिश छात्र एलेक्स चैपमैन से शादी की, चार साल बाद तलाक हुआ. अन्ना ने अपनी 2024 की किताब Bondianna: To Russia With Love में अपने जीवन की जासूसी यात्रा का खुलासा किया.

कैसे बनी अन्ना रूस की जासूस?

अन्ना के अनुसार, लंदन में रहते हुए उन्हें रूसी विदेशी खुफिया सेवा में भर्ती किया गया. ऑपरेटिव किरिल ने उनकी नेटवर्किंग क्षमताओं को पहचान कर उन्हें गुप्त मिशनों के लिए तैयार किया. अन्ना ने खुद को “रियल लाइफ फीमेल जेम्स बॉन्ड” बताया, जिसने आकर्षण और आत्मविश्वास से उच्चस्तरीय नेटवर्क में प्रवेश कर जानकारी इकट्ठा की.

न्यूयॉर्क में गिरफ्तारी

2009 में अन्ना न्यूयॉर्क में रियल एस्टेट एंटरप्रेन्योर बनकर गईं, लेकिन FBI की Operation Ghost Stories में वह एक रूसी स्लीपर सेल का हिस्सा पाई गईं. जून 2010 में अन्ना को फर्जी पासपोर्ट के बहाने गिरफ्तार किया गया. उनके खिलाफ आरोप था कि उन्होंने एन्क्रिप्टेड डेटा ट्रांसमिट किया और रूसी हैंडलर्स से संपर्क बनाए रखा. FBI अधिकारी Frank Figliuzzi ने कहा, 'अन्ना चैपमैन का समूह उच्च स्तरीय नीतिगत नेटवर्क तक पहुँचने के कगार पर था.'

गिरफ्तारी के बाद की कहानी

गिरफ्तारी के दो हफ्ते में अन्ना चैपमैन को ठंडे युद्ध के बाद सबसे बड़े जासूसी अदला-बदली में शामिल किया गया. 8 जुलाई 2010 को उन्हें और नौ अन्य रूसी एजेंट्स को चार पश्चिमी एजेंटों के बदले रूस भेजा गया. रूस लौटने के बाद अन्ना ने टीवी शो, फोटोशूट और पुतिन की यूनाइटेड रूस पार्टी की युवा शाखा में हिस्सा लेकर लोकप्रियता हासिल की.

अन्ना की नई जिम्मेदारी

अन्ना अब मास्को के गॉर्की पार्क के पास रूसी इंटेलिजेंस म्यूजियम की प्रमुख हैं. यह म्यूजियम रूसी खुफिया इतिहास, KGB ऑपरेशन्स और आधुनिक खुफिया कार्यों को प्रदर्शित करेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक म्यूजियम SVR के तहत रजिस्टर्ड है और इसे रूस के खुफिया प्रमुख सर्गेई नारीश्किन की निगरानी में चलाया जाएगा.

अन्ना का जासूसी और ग्लैमर का मिश्रण

अन्ना चैपमैन ने अपनी किताब में बताया कि उन्होंने जासूसी में अपने लुक, लाल बाल, करिश्माई व्यक्तित्व और नेटवर्किंग का इस्तेमाल किया. उन्होंने हेज फंड की नौकरी, सोशल इवेंट्स और प्रभावशाली लोगों के संपर्क का फायदा उठाया. अन्ना ने खुद को वास्तविक महिला जेम्स बॉन्ड बताते हुए लिखा कि उनके शरीर और आत्मविश्वास ने उन्हें शक्ति और प्रभाव वाले लोगों तक पहुंचाया.

अमेरिका से निर्वासन और रूस वापसी

अन्ना को 2010 में अमेरिका से गिरफ्तार किया गया और जासूसी अदला-बदली के तहत रूस भेजा गया. रूस लौटने के बाद उन्होंने अपनी छवि बदलते हुए मीडिया, टीवी और सोशल मीडिया पर सक्रिय भूमिका निभाई. आज अन्ना न केवल एक मां हैं, बल्कि रूस की खुफिया विरासत को नए म्यूजियम में जीवंत कर रही हैं.

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