चूहे का टैलेंट देख दंग रह गए लोग! कंबोडिया में 'मूषक राजा' ने बनाया 109 बारूदी सुरंगें और 15 बम खोजने का वर्ल्ड रिकॉर्ड
Rat Set Unique World Record: कंबोडिया में रोनिन नाम के चूहे ने 109 बारूदी सुरंगें और 15 बिना फटे बम खोज निकाले हैं. उसने गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा लिया है. वह अभी 5 साल का है और उसे मेहनती, मिलनसार और शांत स्वभाव का बताया गया है. रोनिन की सफलता साबित करती है कि चूहे भी बहुत होशियार और काम के हो सकते हैं.;
Rat Set Unique World Record: दुनिया भर में लोग अपने अलग-अलग टैलेंट की वजह से वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाते हैं. अब ऐसा ही कमाल एक चूहे ने कर दिखाया है, जिसे सुनकर सभी हैरान हो गए हैं. कंबोडिया में रोनिन नाम के चूहे ने नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना लिया है. यह एक अफ्रीकी जायंट पाउच्ड चूहा है.
जानकारी के अनुसार, रोनिन ने अब तक 109 बारूदी सुरंगें और 15 बिना फटे बम खोज निकाले हैं. ऐसा करने वाला वह दुनिया का पहला चूहा बन गया है. इसे Apopo नाम की एक गैर-लाभकारी संस्था ने ट्रेनिंग दी है, जो चूहों को बारूदी सुरंगें खोजने के लिए तैयार करती है.
चूहे ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
रोनिन को ट्रेनिंग दी गई, जिसके बाद उसने यह कमाल कर दिखाया है. वह अभी 5 साल का है और उसे मेहनती, मिलनसार और शांत स्वभाव का बताया गया है. Apopo की प्रवक्ता लिली शालोम ने बताया कि रोनिन का तेज ध्यान, मेहनती स्वभाव और समस्याओं को हल करने की रुचि उसकी सफलता की वजह हैं. उसके लिए बारूदी सुरंगें ढूंढना एक खेल जैसा है, जिससे वह कभी बोर नहीं होता. रोनिन के ट्रेनर फैनी ने कहा, रोनिन की सफलता साबित करती है कि चूहे भी बहुत होशियार और काम के हो सकते हैं. वह सिर्फ हमारा सहयोगी नहीं, बल्कि एक खास साथी भी है.
कैसे काम करते हैं ये चूहे?
Apopo पिछले 30 सालों से चूहों को बारूदी सुरंगों को सूंघने की ट्रेनिंग दे रहा है. ये चूहे एक तय पैटर्न में चलते हैं और जमीन खुरचकर विस्फोटकों का संकेत देते हैं। वे रोजाना सिर्फ 30 मिनट तक काम करते हैं और एक उम्र के बाद रिटायर हो जाते हैं.
पहले किसके नाम था रिकॉर्ड?
कंबोडिया में बड़ी संख्या में सुरंगें हैं. आज भी 1,000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा इलाका बारूदी सुरंगों से भरा हुआ है. यहां 40,000 से ज्यादा लोग इन विस्फोटों के कारण अपने हाथ-पैर गंवा चुके हैं. बता दें कि यह रिकॉर्ड रोनिन से पहले मगावा नाम के चूहे के पास था. उसने 5 सालों में 71 बारूदी सुरंगें और 38 बिना फटे बम खोजे थे. 2021 में रिटायर होने से पहले मगावा को बहादुरी के लिए PDSA संस्था ने एक मेडल भी दिया था. साल 2002 में बुढ़ापे के कारण उसकी मौत हो गई थी.