एक कप चाय की कीमत तुम क्या जानो फैज़ हामिद! पाकिस्तान के विदेश मंत्री बोले - तालिबान से रिश्तों ने देश में आग लगा दी
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने देश में बढ़ते आतंकवाद के लिए पूर्व ISI प्रमुख फैज़ हामिद और इमरान खान की PTI सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने 2021 में काबुल में फैज़ हामिद की “एक कप चाय” वाली मुलाकात को पाकिस्तान की सुरक्षा तबाही की जड़ बताया. डार ने कहा, उस मुलाकात ने तालिबान आतंकियों के लिए सीमाएं फिर खोल दीं. यह बयान पाकिस्तान की अफगान नीति पर पहली बार किसी शीर्ष नेता की सीधी स्वीकारोक्ति है.;
पाकिस्तान की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर पुराने फैसलों की कीमत चुका रही है. पाकिस्तान के विदेश और उपप्रधानमंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने अप्रत्यक्ष रूप से देश की मौजूदा आतंकवाद समस्या के लिए पूर्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) फैज़ हामिद और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) सरकार को जिम्मेदार ठहराया.
डार ने सीधे नाम लिए बिना 2021 में काबुल में फैज़ हामिद की प्रसिद्ध “एक कप चाय” वाली मुलाकात पर निशाना साधा. उस समय अफगानिस्तान में तालिबान ने सत्ता संभाली ही थी, और हामिद को काबुल में मीडिया के सामने यह कहते हुए देखा गया था - “सब ठीक हो जाएगा.”
हमें सबसे महंगी पड़ी वह एक कप चाय
अब इशाक डार ने उसी घटना को देश की सुरक्षा तबाही की जड़ बताया. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने इतनी आउटरीच की कि जब हम वहां गए तो कहा – हम तो बस एक कप चाय के लिए आए हैं. लेकिन वह एक कप चाय हमें सबसे महंगी पड़ी.” डार ने आगे कहा, “उस चाय ने हमारी सीमाएं दोबारा खोल दीं. जो 35,000-40,000 तालिबानी यहां से भागे थे, वे लौट आए. उस वक्त की सरकार ने उन सबसे ख़तरनाक आतंकवादियों को भी रिहा कर दिया जिन्होंने स्वात में पाकिस्तान के झंडे जलाए थे और सैकड़ों लोगों को शहीद किया था.”
अफगान तालिबान से नज़दीकी बढ़ाना एक भारी भूल थी
यह बयान पाकिस्तान के किसी वरिष्ठ नेता की ओर से पहली बार इतना स्पष्ट स्वीकारोक्ति है कि इमरान खान की PTI सरकार के दौरान अफगान तालिबान से नज़दीकी बढ़ाना एक भारी भूल थी. डार ने कहा कि यह नीति पाकिस्तान के भीतर आतंकवाद की नई लहर का कारण बनी. उन्होंने कहा, “हमें खुद पर नियंत्रण रखना होगा ताकि ऐसी गलतियां दोबारा न हों.”
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डार की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर हिंसा एक बार फिर चरम पर है. यह स्थिति 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से सबसे ख़राब बताई जा रही है. पिछले महीने पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर टारगेटेड एयरस्ट्राइक की, जिनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के नेताओं को निशाना बनाया गया. जवाब में तालिबान ने सीमा चौकियों पर हमला कर दिया.
सीजफायर का भी नहीं हो रहा असर
दोनों देशों के बीच तुर्की और कतर की मध्यस्थता में सीजफायर तो हुआ, लेकिन छिटपुट झड़पें अब भी जारी हैं, जिनमें दोनों ओर हताहतों की खबरें हैं. पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने अफगान सीमा पार करने की कोशिश कर रहे अमेरिकी सूचीबद्ध आतंकी और टीटीपी उपनेता कारी अमजद को मार गिराया. वहीं काबुल ने पाकिस्तान के हमलों को अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया और आतंकी संगठनों को पनाह देने से इनकार किया.