कैसे बढ़ता गया पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर का कद? इमरान खान से दूरी तो पीएम शहबाज के हैं करीबी

Asim Munir: कभी आईएसआई प्रमुख के पद से हटाए गए असीम मुनीर आज पाकिस्तानी सेना के चीफ हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दूरी ने उन्हें प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कै करीबी बना दिया. अब तो शहबाज सरकार ने कानून बदलकर उनके कार्यकाल को भी बढ़ा दिया है. ऐसे में स्पष्ट है कि इसके पीछे पीएम शहबाज की कोई बड़ी चाल हो सकती है.;

Pakistan Army Chief General Asim Munir(Image Source:  ANI, Canva )
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 5 Nov 2024 7:01 PM IST

Pakistan Army Chief General Asim Munir: पाकिस्तान में सरकार से अधिक सेना का दबदबा रहा है. यही कारण है कि पाकिस्तान में एक बार सेना का तख्तापलट भी हो चुका है. अब हाल में ही सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर सहित शीर्ष कमांडरों के कार्यकाल कानून में संशोधन कर बढ़ा दी गई. इस कानून के तहत जो सेना प्रमुख सहित सशस्त्र बलों के प्रमुखों के कार्यकाल को तीन साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है. ये सब जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के विरोध के बाद हुआ है.

जनरल असीम मुनीर ने जनरल कमर जावेद बाजवा की जगह पाकिस्तानी सेना के सेनाध्यक्ष का पद संभाला था. मुनीर की नियुक्ति महीनों की अटकलों, विवाद और लॉबिंग के बाद हुई क्योंकि पाकिस्तान की समग्र राजनीतिक स्थिति पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इसे लेकर विरोध जता रहे थे. पाकिस्तान सरकार ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाई नवाज के साथ अनौपचारिक परामर्श के बाद जनरल असीम मुनीर को सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया और अब कानून में संशोधन से  64 वर्ष की आयु के बाद भी सेवा करने का अधिकार मिल गया.


कौन हैं जनरल असीम मुनीर?

मंगला में ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल के स्नातक मुनीर ने 1986 में अपना सैन्य करियर शुरू किया था. मुनीर 29 नवंबर 2024 को 600,000 सदस्यीय परमाणु हथियार संपन्न सेना का कार्यभार संभाला था. मुनीर मंगला ऑफिसर्स ट्रेनिंग स्कूल (ओटीएस) कार्यक्रम के माध्यम से पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए, जहां उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कैडेट को दिया जाने वाला प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर पुरस्कार जीता.

POK क्षेत्र में भी मुनीर कर चुके हैं काम

मुनीर ने इस दौरान एक डिवीजन की कमान संभाली है जो पाकिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों पर नजर रखती है, जिसमें कश्मीर का POK क्षेत्र भी शामिल है, जहां उन्होंने बाजवा के साथ मिलकर काम किया. मुनीर आर्मी चीफ से पहले रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय में क्वार्टर मास्टर जनरल के पद पर कार्यरत थे. उन्हें 2017 में मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) का प्रमुख बनाया गया था, यह इकाई सेना के आंतरिक मामलों की देखभाल करने के लिए बनाई गई थी. इसके बाद उन्हें देश की प्रमुख जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का प्रभार दिया गया.

इमरान से रहा है मतभेद

हालांकि, आईएसआई प्रमुख के तौर पर उनका आठ महीने का कार्यकाल सेना के इतिहास में सबसे कम कार्यकालों में से एक है. राजनीतिक दिग्गजों का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ मतभेद के बाद उन्हें हटा दिया गया था. ये सब उस समय से प्रधानमंत्री इमरान खान से मतभेद के कारण हुआ था. इसके बाद उन्हें पंजाब प्रांत के गुजरांवाला में कोर कमांडर के रूप में तैनात किया गया था. उन्होंने 29 नवंबर 2022 को देश के 17वें सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था.

इमरान से दूरी तो शहबाज के करीबी

जनरल असीम मुनीर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी बताए जाते हैं. इसकी वजह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से मुनीर का मतभेद बताया जाता है. यही कारण है कि इमरान और उनकी पार्टी लगातार मुनीर का विरोध करती आई है. पाकिस्तान की राजनीति में सेना का बड़ा प्रभाव देखा जाता रहा है. ऐसे में मुनीर का सेना के उच्च पद पर बने रहना पीएम शहबाज के विरोधियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. 

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