ऑपरेशन सिंदूर की मार से उठ नहीं पाया पाक! अभी भी चालू नहीं हुआ रहीम यार ख़ान एयरबेस, क्यों पाकिस्तान छुपा रहा सच्चाई?
भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत मई में हुए हमले के दो महीने बाद भी रहीम यार ख़ान एयरबेस बंद पड़ा है. तीन बार नोटम जारी हो चुका है, जिससे एयरबेस को हुए गहरे नुकसान की पुष्टि होती है. एक साथ कई पाकिस्तानी एयरबेस और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर भारत ने रणनीतिक बढ़त हासिल की है.;
पाकिस्तान का रहीम यार ख़ान एयरबेस अब तक सक्रिय नहीं हो सका है, जबकि उस पर भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत दो महीने पहले हमला किया गया था. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 5 अगस्त तक एयरबेस को "अनुपयोगी" घोषित करते हुए तीसरी बार NOTAM (Notice to Airmen) जारी किया है. इससे यह साफ़ है कि एयरबेस पर हुए नुकसान को पाक वायुसेना अब तक पूरी तरह दुरुस्त नहीं कर पाई.
राजस्थान सीमा के पास स्थित रहीम यार ख़ान एयरबेस पाकिस्तान की दक्षिणी वायु रक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा है. भारत के हमलों ने केवल एक सैन्य ठिकाने को नहीं, बल्कि दुश्मन की रणनीतिक सोच को भी झकझोर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान कि “यह एयरबेस ICU में है,” कोई राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि उस ज़मीनी सच्चाई का प्रतिबिंब था जो अब सामने आ रही है.
बार-बार बढ़ रहा NOTAM
10 मई से लेकर अब तक तीन बार NOTAM जारी हो चुके हैं. पहले 18 मई तक, फिर 4 जुलाई और अब 5 अगस्त तक. हर बार पाकिस्तानी अथॉरिटी यही कह रही है कि "कार्य प्रगति पर है", मगर दो महीने में भी रनवे चालू न हो पाना पाक वायुसेना की तकनीकी और रसदिक कमजोरी को उजागर करता है.
सिर्फ रनवे नहीं, पूरे बेस को लगा गहरा झटका
पाकिस्तानी ज़िला आयुक्त की मानें तो एयरबेस पर मिसाइल से एक गड्ढा बना था, लेकिन दो महीने का पूर्ण बंद होना दिखाता है कि नुकसान बहुत अधिक था. रहीम यार ख़ान, जो सेंट्रल कमांड का अग्रिम सैन्य ठिकाना था, अब खुद वेंटिलेटर पर नज़र आ रहा है.
एक साथ कई मोर्चों पर हमला
भारत के हमले सिर्फ एक ठिकाने तक सीमित नहीं थे. नूर खान (रावलपिंडी), रफीकी (शोरकोट), मुरीद (चकवाल) और चुनियन एयरबेस भी ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा बने थे. पाकिस्तान ने खुद माना है कि नूर खान के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और चुनियन की तकनीकी सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं.
आतंकी ठिकाने भी तबाह, जैश के नेता गायब
सूत्रों के अनुसार, बहावलपुर का कुख्यात आतंकी शिविर 'मरकज़ सुभान अल्लाह' पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया है. जैश-ए-मोहम्मद के शीर्ष कमांडर अब घनी आबादी वाले इलाकों में पनाह ले रहे हैं. हाल ही में मसूद अजहर के पीओके में होने की बात सामने आई है. यह भारत की रणनीतिक सफलता है कि उसने आतंक और सेना दोनों मोर्चों पर एकसाथ सटीक प्रहार किया.