एक बार फिर दिखा 'ना-पाक' का दोगलापन! पाकिस्तान ने बढ़ाई शांति की बात, फिर बरसा दिए बम अफगानिस्तान पर
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 48 घंटे के संघर्षविराम के महज कुछ घंटे बाद ही सीमा पर तनाव फिर बढ़ गया. पाकिस्तानी वायुसेना ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के कई जिलों में एयरस्ट्राइक की, जिससे अस्थायी शांति टूट गई. वहीं, तालिबान के वरिष्ठ अधिकारी ने भी संघर्षविराम के उल्लंघन की पुष्टि की. यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब पाकिस्तान और अफगान प्रतिनिधि दोहा में वार्ता के लिए इकट्ठा होने वाले थे. हाल ही में उत्तर वजीरिस्तान में पाकिस्तानी सैन्य शिविर पर हुए आत्मघाती हमले में सात सैनिकों की मौत हुई और 13 घायल हुए थे.;
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच मुश्किल से बनी 48 घंटे की संघर्षविराम की सहमति कुछ ही घंटों में टूट गई. तालिबान ने आरोप लगाया है कि इस्लामाबाद ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के कई जिलों में हवाई हमले किए हैं. यह वही इलाका है जो संवेदनशील दुरंड रेखा (Durand Line) के पास स्थित है. इन हमलों के बाद तालिबान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “दोनों पक्षों के बीच हुआ युद्धविराम अब खत्म हो गया है.”
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी वायुसेना ने अरगुन और बर्मल जिलों में कई आवासीय इलाकों को निशाना बनाया. हालांकि अभी तक किसी हताहत की पुष्टि नहीं हुई है. इन हमलों के बाद सीमा क्षेत्र में तनाव फिर से बढ़ गया है. यह हमला ऐसे समय में हुआ जब पाकिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल पहले से ही कतर की राजधानी दोहा में मौजूद था, जहां अफगान प्रतिनिधि दल के शनिवार को पहुंचने की उम्मीद थी. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच तनाव कम करने और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की योजना थी. लेकिन अब इस ताजा हमले से बातचीत की संभावनाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं.
उत्तर वजीरिस्तान में आत्मघाती हमला- 7 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए
इसी दिन पाकिस्तान के उत्तर वजीरिस्तान क्षेत्र में एक आत्मघाती हमले में 7 सैनिक मारे गए और 13 अन्य घायल हुए. स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को मीर अली के खड्डी सैन्य कैंप की दीवार से टकरा दिया. इसके बाद दो अन्य हमलावरों ने कैंप में घुसने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें मार गिराया. इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली है. संगठन ने कहा कि यह हमला उसके खालिद बिन वलीद आत्मघाती यूनिट और तहरीक तालिबान गुलबहादर ग्रुप ने मिलकर किया.
48 घंटे की ‘नाजुक शांति’ भी नहीं टिक पाई
दोनों देशों ने बुधवार शाम 6 बजे (पाकिस्तान स्टैंडर्ड टाइम) से 48 घंटे के अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई थी. यह फैसला उन भीषण झड़पों के बाद लिया गया था जिनमें अब तक दर्जनों नागरिकों की मौत और करीब 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबरें थीं. हालांकि, अब इन नए हमलों ने इस नाजुक समझौते को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. विश्लेषकों के मुताबिक, यह 2021 में तालिबान की अफगानिस्तान में वापसी के बाद से पाकिस्तान और काबुल प्रशासन के बीच हुआ सबसे भीषण संघर्ष है.
सीमा पर फिर मंडरा रहा युद्ध का साया
सीमा पार बस्तियों में लोग दहशत में हैं. स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी ड्रोन और लड़ाकू विमान कई इलाकों में देखे गए. अफगान मीडिया के अनुसार, लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि यह संघर्ष केवल सीमित झड़प नहीं, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों में गहराते अविश्वास का संकेत है.