डेड बॉडी की नकली Vagina, फिर उसके साथ 7 साल बिस्तर पर... मुर्दा लड़की से डॉक्टर की अजब प्रेम की गजब कहानी
अमेरिका में डॉक्टर कार्ल टैंज़लर का एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जिसमें उसने 22 साल की मृत लड़की एलेना डे होयोस के शव को चुरा लिया और 7 साल तक उसके साथ बिस्तर साझा किया. उसने लाश को संरक्षित किया, चेहरा प्लास्टर से बनाया और नकली योनि बनाकर शव के साथ "प्रेम" का दावा किया.;
दुनिया में मोहब्बत के कई किस्से मशहूर हुए, लेकिन कुछ प्रेम कहानियां ऐसी भी हैं जो जुनून की सभी हदें पार कर जाती हैं। अमेरिका के फ्लोरिडा में कार्ल टैंज़लर और एलेना डे होयोस की कहानी ऐसी ही एक सनसनीखेज दास्तान है, जो मौत के बाद भी खत्म नहीं हुई. ये न तो मर्डर मिस्ट्री थी, न ही स्टॉकिंग का मामला बल्कि एक ऐसा किस्सा, जिसमें एक शख्स ने एक शव के साथ सालों तक जिंदगी बिता दी.
1931 में, 22 वर्षीय एलेना टीबी (ट्यूबरक्युलोसिस) से पीड़ित होकर फ्लोरिडा के की वेस्ट स्थित मरीन हॉस्पिटल में भर्ती हुई। वहीं, रेडियोलॉजिक टेक्नीशियन कार्ल टैंज़लर उर्फ काउंट कार्ल वॉन कोसेल की उससे मुलाकात हुई. वह डॉक्टर नहीं था, लेकिन मान बैठा था कि वह एलेना की जान बचा सकता है.
इलाज या पागलपन?
टैंज़लर ने एलेना के इलाज के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाए इलेक्ट्रोड से जुड़ी डिवाइस, अज्ञात दवाएं और टॉनिक। उसने एलेना से प्यार का इज़हार भी किया, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला। कुछ समय बाद, 25 अक्टूबर 1931 को एलेना की मौत हो गई.
कब्र पर बना निजी मकबरा
टैंज़लर ने एलेना की अंतिम यात्रा के सारे खर्चे खुद उठाए और उसे दफनाने के लिए एक विशेष मकबरा बनवाया। इस मकबरे की चाबी केवल उसी के पास थी. दो साल तक वह हर रात कब्र पर जाता, फूल चढ़ाता और यहां तक कि उसने अंदर एक टेलीफोन भी लगवा दिया ताकि वह "बात" कर सके.
जब सामने आया सबसे घिनौना सच
1940 में अफवाहें तेज़ हुईं कि कार्ल टैंज़लर एलेना के शव के साथ रह रहा है। जब एलेना की बहन ने उसके घर जाकर देखा, तो सच्चाई ने सबको हिला दिया. टैंज़लर ने 1933 में ही कब्र से शव चुरा लिया था। उसने लाश को तार, वैक्स, कांच की आंखें और इत्र से संरक्षित कर रखा था.
उसने उसका चेहरा प्लास्टर से दोबारा बनाया, उसके असली बालों से विग तैयार की और उसे गहनों व कपड़ों से सजाया। शव को वह अपने ही बिस्तर में रखकर सोता था. पोस्टमार्टम में कई चौंकाने वाले बदलाव सामने आए, लेकिन यौन शोषण के स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले.
मौत को हराने की सनक
टैंज़लर को विश्वास था कि वह एलेना को दोबारा जिंदा कर सकता है। उसने विमान के आकार की एक लैब बनाई और दावा किया कि यदि वह एलेना को स्ट्रैटोस्फियर (ऊँचाई पर) ले जाए, तो वह फिर से जीवित हो जाएगी.
कोर्ट में केस और जनता की सहानुभूति
उसे कब्र से शव चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन कानून की सीमा खत्म हो चुकी थी, इसलिए केस खारिज हो गया. हैरानी की बात यह रही कि जनता ने टैंज़लर के प्रति सहानुभूति जताई और कई लोगों ने उसे "सच्चा प्रेमी" कहा, एलेना का शव एक बार फिर दफनाया गया इस बार एक अनजान जगह पर.
मौत तक भी नहीं भूला 'मोहब्बत'
कार्ल टैंज़लर 1877 में ऑस्ट्रिया में जन्मा था, उसने शादी की और दो बच्चों का पिता बना, लेकिन फिर परिवार को छोड़ दिया. वह दावा करता था कि उसे एक सपना आया था जिसमें एक काली जुल्फों वाली स्त्री उसकी “सच्ची प्रेमिका” के रूप में दिखाई दी. जिसे वह एलेना मान बैठा. 1952 में उसकी मौत हुई, और कहते हैं कि उसके पास एलेना की एक लाइफ-साइज़ डॉल थी, जो उसके अंतिम दिनों की साथी बनी रही. कार्ल टैंज़लर और एलेना की यह अजीब प्रेम कहानी आज भी दुनियाभर में सबसे रहस्यमय और विचलित कर देने वाली लव स्टोरी मानी जाती है. यह मोहब्बत थी या पागलपन इस पर बहस आज भी जारी है.