हमारे देश की हवा चोरी हो रही... नीदरलैंड्स ने बेल्जियम पर लगाया अजीबोगरीब आरोप, जानें पूरा मामला

Netherlands News: नीदरलैंड्स के वेदर फोरकास्ट सर्विस फर्म के सीईओ रेम्को वर्जिल्बर्ग ने कहा, विंड टर्बाइन को हवा से हवा निकालने के लिए डिजाइन किया गया है. अगर आप विंड टर्बाइन के पीछे से मापते है तो हवा कम तेज चलती है. कई विंड टर्बाइनों वाले विंड फार्म के पीछे हवा की स्पीड को कम देख सकते हैं.;

( Image Source:  canava )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 1 Jun 2025 2:01 PM IST

Netherlands News: आपने सोना-चांदी, कैश, बाइक कार चोरी होने के मामले को अक्सर सुने ही होंगे. यह घटना लगातार बढ़ती जा रही हैं, लेकिन क्या आपने कभी हवा चोरी होने के बारे में सुना है? अब नीदरलैंड्स ने एक देश पर हवा चोरी करने का आरोप लगाया है. दरअसल नीदरलैंड्स की एक मौसम संबंध फर्म के अधिकारी ने यह आरोप लगाए हैं.

अधिकारी ने हाल ही में बेल्जियम के ही ब्रॉडकास्टर सर्विस को दिए इंटरव्यू में कहा कि बेल्जियम उनके देश की हवा चुरा रहा है. दोनों ही पड़ोसी देश हैं और इस आरोप से हंगामा खड़ा हो गया है. इन आरोपों की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. हर कोई सोच रहा है कि आखिर कोई हवा कैसे चुरा सकता है.

क्या है आरोप?

वेदर फोरकास्ट सर्विस फर्म के सीईओ रेम्को वर्जिल्बर्ग ने कहा, विंड टर्बाइन को हवा से हवा निकालने के लिए डिजाइन किया गया है. अगर आप विंड टर्बाइन के पीछे से मापते है तो हवा कम तेज चलती है. कई विंड टर्बाइनों वाले विंड फार्म के पीछे हवा की स्पीड को कम देख सकते हैं.

वर्जिल्बर्ग ने कहा कि बेल्जियम के विंड फार्म नीदरलैंड्स की तुलना में बेहतर हैं. वे नीदरलैंड्स के विंड पार्कों को दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं. ऐसे में हवा अक्सर दक्षिण-पश्चिम से आती है इसलिए आप अक्सर हमारी कुछ हवा चुरा लेते हैं. उन्होंने अनजाने में यह आरोप लगाया. 3 फीसदी हमारी हवा को चुराया जा रहा है.

सही योजना बनाने की तैयारी

एक्सपर्ट का कहना है कि इस प्रकार की हवा चोरी से भविष्य में ऊर्जा उत्पादन में असंतुलन और विवाद हो सकते हैं. इसलिए, पवनचक्कियों की योजना और स्थापना में समन्वयित प्रयासों की आवश्यकता है, ताकि एक देश के विकास से दूसरे देश की ऊर्जा क्षमता प्रभावित न हो. पानी के लिए दौड़ से बचना जरूरी है, जिसमें जो भी पहले से स्थापित करता है उसे सबसे अच्छी हवा की गारंटी मिलती है. प्लानिंग से इस प्रभाव को कम किया जा सकता है.

बता दें कि बेल्जियम साल 2030 तक अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए उत्तरी सागर में 6 गीगावाट की क्षमता का विंड टर्बाइन बनाना चाहता है. इन आरोपों पर अभी बेल्जियम की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. फिलहाल सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है. अब देखना यह होगी कि इस समस्या से निपटने के लिए नीदरलैंड्स किन कौन से उपाय निकालता है.

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