खतरे में मोहम्मद यूनुस की कुर्सी! क्या बांग्लादेश के आर्मी चीफ तख्तापलट की कर रहे तैयारी?
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने हाल ही में देशभक्ति की भावना से भरा बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'मैं देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए संभावित खतरा देख सकता हूं. मेरी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन मैं देश को सुरक्षित हाथों में देखना चाहता हूं.;
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने हाल ही में देशभक्ति की भावना से भरा बयान दिया है. उन्होंने कहा, 'मैं देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता के लिए संभावित खतरा देख सकता हूं. मेरी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है, लेकिन मैं देश को सुरक्षित हाथों में देखना चाहता हूं. 'जनरल वाकर-उज-जमान ने यह भी कहा कि वह पिछले आठ महीनों से कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. उन्होंने आशंका जताई कि आगामी आम चुनावों से पहले बांग्लादेश में तख्तापलट हो सकता है.
इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि बांग्लादेश की जनता नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के शासन की अराजकता से तंग आ चुकी है. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद यूनुस ने बड़े सपने दिखाए थे, लेकिन वे पूरे नहीं हो सके. वहीं, शेख हसीना को सत्ता से बाहर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छात्र नेता अब मोहम्मद यूनुस से दूरी बना रहे हैं और एक नई पार्टी बनाने की तैयारी में हैं.
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान मौजूदा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं जता रहे हैं. उनका मानना है कि देश बाहरी शक्तियों के हस्तक्षेप का शिकार हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक, जनरल जमान राजनीतिक नेतृत्व को आगामी चुनावों की आवश्यकता के प्रति सचेत कर रहे हैं, ताकि वे इसके लिए तैयार रहें. अन्यथा, सेना द्वारा सत्ता पर नियंत्रण एक संभावित विकल्प हो सकता है.
साल 2024 के अगस्त में हुए बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था, जिससे उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस घटना के बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में गंभीर तनाव उत्पन्न हो गया. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस सत्ता में तब आए जब शेख हसीना देश छोड़कर भारत में शरण लेने को मजबूर हुईं. वर्तमान में, वे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नेतृत्व कर रहे हैं.