पाकिस्तान में लश्कर आतंकी Maulana Kashif Ali की गोली मारकर हत्या
Maulana Kashif Ali killed: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग के चीफ मौलाना काशिफ अली मारा गया. कुछ अज्ञात लोगों ने उसके घर में घुसकर गोली से हमला की, जिसमें उसकी मौत हो गई.;
Maulana Kashif Ali Dead: पाकिस्तान में बहुत से आतंकी संगठन एक्टिव हैं जो भारत और अन्य देशों के खिलाफ आपराधिक साजिश को अंजाम देने का प्लान बनाते रहते हैं. अब खबर सामने आई है कि लश्कर-ए-तैयबा की राजनीतिक विंग का चीफ मौलाना काशिफ अली मारा गया. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में उनके घर पर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना काशिफ खैबर पख्तूनख्वा में पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) का चीफ था. PMML को लश्कर प्रमुख हाफिज सईद ने 2024 में शुरू किया था. काशिफ युवाओं का ब्रेनवॉश करता था और आतंकी संगठन में भर्ती करने का काम करता था. वह आतंकवाद का पाठ पढ़ाने के उद्देश्य से भोले-भाले बच्चों का अपने जाल में फंसाता था.
युवाओं को देता था आतंकवाद की ट्रेनिंग
रिपोर्ट में बताया गया कि मौलाना काशिफ युवाओं आतंकवाद के ट्रेनिंग देता था और जिहादी लेक्चर देने का काम करता था. काशिफ अली आतंकवादी संगठन लश्कर के मुखोटे राजनीतिक संगठन PMML का चीफ था. इस घटना के बाद पाकिस्तान में हंगामा खड़ा हो गया है. साथ ही काशिफ हत्यारों के हत्यारों को तुरंत पकड़ने की मांग की जा रही है.
काशिफ की हत्या के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सरकार मांग की जा रही है कि वह काशिफ अली हत्या में शामिल लोगों के पर एक्शन ले. पोस्ट में कहा गया कि काशिफ का इतना कसूर था कि वह पाकिस्तान से प्यार करता था.
लश्कर के 4 आतंकवादियों की मौत
इससे पहले जनवरी 2025 में लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकवादी मारे गए थे. जिनमें से दो की मौत सड़क दुर्घटना में हुई. अभी तक पाकिस्तान सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, जबकि आतंकवादी संगठन कार्रवाई के लिए दबाव बना रहे हैं. बता दें कि सभी की नजर अब पाकिस्तान पर टिकी हैं कि वह अपने देश में आतंकवादियों के खिलाफ क्या प्रतिक्रिया और कार्रवाई करेगा.
मुठभेड़ में 15 आतंकी ढेर
शनिवार को खैबर पख्तूनख्वा में दो अलग-अलग खुफिया अभियान के तहत 15 आतंवादियों की मौत हो गई. इस दौरान चार सेना के जवान भी मारे गए. एक बयान में बताया गया कि प्रांत के डेरा इस्माइल और उत्तरी वजीरिस्तान जिले में अलग-अलग खुफिया अभियान चलाए गए. पहला अभियान डेरा इस्माइल खान जिले के हथला के पास चलाया गया. आतंकवादियों की पहचान फरमान उर्फ साकिब, खारजी अमानुल्ला, खारजी सईद और बिलाल के रूप में हुई है.