क्या कनाडा में मोदी को खालिस्तानियों से है खतरा? PM की मौजूदगी से पहले मचा बवाल, देखें वीडियो

कनाडा के अल्बर्टा में G7 समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ खालिस्तानी समूहों द्वारा बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं. 'सिख्स फॉर जस्टिस' ने इन प्रदर्शनों का नेतृत्व किया, जबकि कुछ सिख संगठनों ने इसका विरोध किया. कनाडा में यह अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था मानी जा रही है. मोदी की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है.;

Edited By :  सागर द्विवेदी
Updated On : 16 Jun 2025 8:00 PM IST

कनाडा के अलबर्टा में G7 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति ने वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को मजबूती दी है. हालांकि, इसी दौरान खालिस्तानी उग्रवादियों ने विरोध प्रदर्शन कर माहौल गरमा दिया है. PM मोदी साइप्रस से रवाना होकर रविवार को कनाडा पहुंचे, जहां उनके आगमन से पहले ही सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) नामक संगठन ने भारी विरोध की योजना बना रखी थी. यह संगठन खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा संचालित होता है और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों की खुलेआम महिमा मंडन करता है.

'मोदी की राजनीति को खत्म करना है'

कैलगरी में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे मनजिंदर सिंह ने भड़काऊ बयान देते हुए कहा, 'मैं मोदी की राजनीति को खत्म करने को तैयार हूं. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में खालिस्तानी समर्थकों का एक लंबा काफिला प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में आगे बढ़ते देखा गया.

'Sikhs of America' ने किया विरोध का विरोध

हालांकि, हर सिख संगठन इस हिंसक मानसिकता का समर्थन नहीं कर रहा. अमेरिका स्थित Sikhs of America के संस्थापक जसदीप सिंह जेस्सी ने इन प्रदर्शनों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति विश्व मंच पर भारत की मजबूती दर्शाती है. उन्होंने कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के नेतृत्व में चरमपंथी ताकतों के कमजोर होने की उम्मीद जताई.

पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जताई चिंता

कनाडा स्थित वरिष्ठ पत्रकार हरप्रीत सिंह ने भी खालिस्तानी विरोध की आलोचना करते हुए कहा कि यह समिट भारत-कनाडा रिश्तों को सुधारने का मौका है, जो जस्टिन ट्रूडो के दौर में बिगड़ चुके थे. रविवार को समिट के पहले दिन कैलगरी म्युनिसिपल प्लाज़ा पर करीब 500 प्रदर्शनकारी जुटे. इनमें कश्मीरी, फिलिस्तीनी, यूक्रेनी और कनाडा के मूल निवासियों सहित कई समुदायों के लोग शामिल थे, जिन्होंने मानवाधिकार, जल संकट और संप्रभुता जैसे मुद्दों को उठाया.

कनाडा की सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू

कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों, RCMP और कैलगरी पुलिस, ने इस समिट के लिए अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की है. प्रदर्शनकारियों और आम लोगों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटेस्ट जोन बनाए गए हैं. G7 समिट में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, इटली और यूरोपीय संघ के प्रमुख नेता हिस्सा ले रहे हैं. विशेष आमंत्रितों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी शामिल हैं. मंगलवार 17 जून तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में जहां वैश्विक नीतियों पर चर्चाएं हो रही हैं, वहीं यह भी देखा जा रहा है कि कैसे दुनिया चरमपंथ, विरोध और वैश्विक एकजुटता से निपटती है.

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