पाकिस्तान के क्वेटा में JUI नेता मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई की गोली मारकर हत्या
पाकिस्तान के क्वेटा में अज्ञात हमलावरों ने JUI नेता मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई की गोली मारकर हत्या कर दी. यह हमला एयरपोर्ट रोड पर हुआ, जहां उन्हें गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत हो गई. पुलिस और सुरक्षाबलों ने जांच शुरू कर दी है. इस घटना से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं.;
पाकिस्तान के क्वेटा में एक बार फिर हिंसा की घटना सामने आई है. जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI) के वरिष्ठ नेता मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. यह हमला एयरपोर्ट रोड पर हुआ, जहां उन्हें निशाना बनाया गया.
इस फायरिंग के बाद इलाके में दहशत फैल गई. स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी. पुलिस के मुताबिक, हमलावर गोली मारने के बाद फरार हो गए. गंभीर रूप से घायल मुफ्ती नूरजई को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटीं
घटना के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और जांच शुरू कर दी है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस हमले के पीछे कौन लोग हैं और इसकी वजह क्या हो सकती है. फिलहाल किसी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
क्वेटा में बढ़ती हिंसा चिंता का विषय
मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई की हत्या के बाद JUI और अन्य धार्मिक संगठनों ने इस घटना की निंदा की है. उन्होंने सरकार से सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने और दोषियों को जल्द पकड़ने की मांग की है. पिछले कुछ समय से क्वेटा में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. हाई-प्रोफाइल लोगों को निशाना बनाए जाने से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन चुकी है कि इन हमलों को रोका जाए और शांति कायम की जाए.
मोस्ट वांटेड आतंकी अबु कताल सिंघी की हत्या
पाकिस्तान में बीते कुछ महीनों से आतंकी संगठनों के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. खासकर लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़े कई आतंकियों की हत्या हो चुकी है. इससे आतंकी संगठनों में घबराहट का माहौल है. शनिवार रात लश्कर-ए-तैयबा के कुख्यात आतंकी अबु कताल सिंघी को अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया. अबु कताल भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में था और लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ था.