'100 से अधिक फाइटर जेट और फिर...', कैसे इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों को किया तबाह?
Israel-Iran War: करीब 100 इजरायली लड़ाकू विमानों ने ईरान की 20 मिसाइल और ड्रोन सुविधाओं पर तीन बार हमला किया. इजरायल ने 'ऑपरेशन डेज़ ऑफ़ रिपेंटेंस' को बड़े ही खास अंदाज में अंजाम तक पहुंचाया. कई ग्रुप के जरिए इजरायल की सेना ने हमला किया था.;
Israel-Iran War: ईरान की राजधानी तेहरान इजरायल के हमलों से दहल गया है. धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के शहर तक इसकी गूंज पहुंच गई. इस दौरान इजरायल ने ईरान में सैन्य स्थलों को निशाना बनाया. इजरायल ने इस हमले को बाद अपना बदला पूरा होने की बात कही, क्योंकि ईरान से 1 अक्टूबर को इजरायल पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थी.
ईरान की राजधानी तेहरान में विस्फोटों की आवाज़ सुनी जा सकती थी, हालांकि इस्लामिक रिपब्लिक ने कहा कि इन हमलों से कुछ खास असर नहीं पड़ा है. यह हमला मिडिल ईस्ट में बढ़ती हिंसा के बीच दो कट्टर दुश्मनों के बीच युद्ध को बढ़ा रहा है, जहां गाजा में हमास और लेबनान में हिज़्बुल्लाह सहित ईरान समर्थित आतंकवादी समूह पहले से ही इजरायल के साथ संघर्ष कर रहे हैं.
100 से अधिक लड़ाकू विमानों का कहर
ईरान पर किए गए हमले में इजरायल के कुल 100 लड़ाकू विमानों ने ईरान के 20 मिसाइल और ड्रोन ठिकानों पर तीन चरणों में हमले किए. हमलों की पहली लहर ईरान के रडार और वायु रक्षा सुविधाओं पर थी, जिससे सैन्य ठिकानों पर अगले हमलों का रास्ता साफ हो गया. दूसरी और तीसरी चरण में ईरान की मिसाइल और ड्रोन सर्विस को निशाना बनाया गया.
ग्रुप बनाकर लड़ाकू विमानों ने किया हमला
लड़ाकू विमानों ने 25-30 के समूहों में हमले किए. जबकि 10 जेट विमानों ने मिसाइल हमले किए और वहां अन्य ने कवर और डायवर्जन दिया. इस पूरे मिशन को 'ऑपरेशन डेज़ ऑफ़ रिपेंटेंस' का नाम दिया गया. जवाबी मिसाइल हमलों से निपटने के लिए इजरायल और अमेरिकी वायु रक्षा हाई अलर्ट पर थे.
इज़राइल ने हमलों के दौरान अपने पांचवीं पीढ़ी के F-35 अदिर लड़ाकू जेट, F-15I Ra'am ग्राउंड अटैक जेट और F-16I सूफा एयर डिफेंस जेट तैनात किए, जो लगभग 2,000 किलोमीटर की दूरी तय करते थे.