क्या मुस्लिमों के लिए 'अछूत' नहीं रही बीजेपी? गुजरात निकाय चुनाव के नतीजों ने बताई नई कहानी

गुजरात निकाय चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की, जिसमें मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में नए सिरे से वृद्धि हुई है. 2018 में 46 मुस्लिम भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए थे, जबकि इस बार यह संख्या 76 हो गई. भाजपा की विकास नीति और सरकारी योजनाओं का लाभ मुस्लिम समुदाय तक पहुंचने से उनका झुकाव पार्टी की ओर बढ़ा.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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गुजरात निकाय चुनाव के नतीजे 18 फरवरी को सामने आए और उम्मीद के मुताबिक बीजेपी ने भारी जीत दर्ज की. बीजेपी ने नगर पालिकाओं, नगर निगमों, जिला और तालुका पंचायतों में कुल 2171 सीटों में से 1608 सीटें जीतीं. हालांकि, इस चुनाव में एक अहम बदलाव देखने को मिला.

बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या में बड़ी बढ़त मिली है. खासकर उन जिलों में जहां मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में मौजूद हैं, भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत की. 2018 में हुए पिछले निकाय चुनावों में भाजपा के टिकट पर कुल 46 मुस्लिम उम्मीदवार जीते थे, लेकिन इस बार यह संख्या बढ़कर 76 हो गई, जिसमें 33 महिलाएं शामिल हैं.

बीजेपी में उतारे थे 103 उम्मीदवार

बीजेपी ने कुल 103 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था. खासकर पाटण, खेड़ा, पंचमहल और जूनागढ़ जैसे जिलों की नगर पालिकाओं में जहां 2018 में कोई भी मुस्लिम भाजपा उम्मीदवार नहीं जीता था, वहां इस बार पार्टी को सफलता मिली. इसके अलावा, नगर पालिकाओं में कुल मुस्लिम विजेताओं की संख्या 2018 के 252 से बढ़कर 275 हो गई. भाजपा का इसमें 28% हिस्सा रहा, जो सात साल पहले 18% था. कांग्रेस की हिस्सेदारी अभी भी सबसे अधिक 39% है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) की हिस्सेदारी 4.7% रही. जामनगर जिले की सलाया नगर पालिका में आप के 11 मुस्लिम उम्मीदवार जीते, जबकि भाजपा को यहां एक भी सीट नहीं मिली.

मुस्लिम समुदाय को मिला लाभ

भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहसिन लोखंडवाला ने कहा कि गुजरात के मुसलमानों ने भाजपा की विकास नीति को अपनाने का फैसला किया है, जो कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति से अलग है. उन्होंने दावा किया कि राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं से मुस्लिम समुदाय को सीधा लाभ मिला है और भाजपा ने बिना भेदभाव के इन योजनाओं का फायदा दिया. इसके अलावा, भाजपा के मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगे थे और 150 मुस्लिम नेताओं की सूची तैयार की गई थी, जिसमें से 103 को टिकट दिया गया.

नाराजगी के बाद भी मिला वोट

इस चुनाव में भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवारों ने खेड़ा जिले की तीन नगर पालिकाओं में 9 सीटों, पाटण के राधनपुर में पांच सीटों, जूनागढ़ के वंथली नगर पालिका में छह सीटों और पंचमहल की दो नगर पालिकाओं में पांच सीटों पर जीत दर्ज की. इसके अलावा, भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवारों ने गिर सोमनाथ और जामनगर जैसे तटीय जिलों में भी जीत दर्ज की. इन इलाकों में सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए की गई बड़ी तोड़फोड़ को लेकर भाजपा के खिलाफ नाराजगी थी, क्योंकि इसे एक विशेष समुदाय को निशाना बनाए जाने के रूप में देखा गया था.

विकास को किया सपोर्ट

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जिशान नक़वी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय धार्मिक स्थलों को गिराए जाने से नाराज था, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने मतदाताओं को भविष्य की ओर देखने और विकास के लिए पार्टी का समर्थन करने के लिए राजी किया. उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिम समुदाय भाजपा के साथ चलता है, तो उनके क्षेत्रों में विकास होगा और उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जाएगा. कोडीनार में भाजपा के दो मुस्लिम उम्मीदवार बिना किसी कंपटीशन के निर्वाचित हुए, क्योंकि कांग्रेस के उम्मीदवारों ने अपने नामांकन वापस ले लिए थे.

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