महिलाओं के विरोध के आगे झुक गया ईरान! हिजाब कानून को लागू करने पर लगाई रोक
ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस पुराने और विवादास्पद हिजाब कानून पर रोक लगा दी है, जबकि यह पिछले शुक्रवार को लागू होना था. राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने हिजाब कानून को लेकर कहा था कि यह अस्पष्ट है और इसमें सुधार की जरूरत है. इस कानून में उन लड़कियों और महिलाओं के लिए कठोर दंड का प्रस्ताव है जो अपने बाल, बांह या पैर को पूरी तरह से नहीं ढकती हैं, जिसमें जुर्माना और 15 साल तक की जेल की सजा शामिल है.;
Iran New Hijab Law: ईरान में महिलाओं को लेकर सख्त नियमों का पालन किया जाता है. मुस्लिम महिलाओं का तो हिजाब पहनना अनिवार्य है. हाल ही में एक संबंध में एक नया कानून लाया गया था, जिसका अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया गया. इन विरोध के आगे ईरान सरकार को झुकना पड़ा. अब ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने इस पुराने और विवादास्पद कानून पर रोक लगा दी है, जबकि यह पिछले शुक्रवार को लागू होना था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान सरकार की ओर से पिछले शुक्रवार को 'हिजाब और शुद्धता कानून' को लागू करने के बारे में घोषणा की थी. राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने हिजाब कानून को लेकर कहा था कि यह अस्पष्ट है और इसमें सुधार की जरूरत है.
अभी लागू नहीं होगा हिजाब कानून
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा था कि इसे लागू करने से पहले इसके प्रावधानों पर एक बार फिर विचार किया जा सकता है. इस कानून में उन लड़कियों और महिलाओं के लिए कठोर दंड का प्रस्ताव है जो अपने बाल, बांह या पैर को पूरी तरह से नहीं ढकती हैं, जिसमें जुर्माना और 15 साल तक की जेल की सजा शामिल है. पेजेशकियन ने इस वर्ष के प्रारंभ में अपने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान हिजाब के संबंध में महिलाओं के साथ देश में हो रहे दुर्व्यवहार पर अपनी असहमति जताई थी. उन्होंने कहा, "जिस तरह वे पहले महिलाओं के सिर से हिजाब जबरन नहीं हटा सकते थे, उसी तरह अब भी वे इसे उन पर थोप नहीं सकते. हमें अपनी महिलाओं और बेटियों पर अपनी इच्छा थोपने का कोई अधिकार नहीं है."
बड़े स्तर पर कानून का विरोध
ईरान सरकार के 'हिजाब और शुद्धता कानून' के खिलाफ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया गया. लोगों ने इस कानून और प्रावधानों की आलोचना की. मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि ईरानी अधिकारी "दमन की पहले से ही दमघोंटू व्यवस्था को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं." ईरान की जनता को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उनका वादा युवा लड़कियों और महिलाओं को पसंद आया, जो पहले से ही सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों से निराश थीं.
बता दें कि हाल में पारस्तू अहमदी नाम की एक महिला को गिरफ्तार कर लिया गया, क्योंकि उसने यूट्यूब पर अपना एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें वह बिना हिजाब के, बिना आस्तीन की पोशाक पहने, खुले बाल रखे चार पुरुष सिंगर के साथ गा रही थी.