किसी के दबाव में नहीं आएगा भारत चाहे वह... राष्ट्रपति पुतिन बोले- रूस से एनर्जी सप्लाई बंद नहीं करेंगे पीएम मोदी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि भारत जैसे देश कभी भी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे. सोची में आयोजित वलदाई डिस्कशन क्लब में पुतिन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस से ऊर्जा आयात बंद करने का फैसला कभी नहीं लेंगे. उन्होंने अमेरिका के दोहरे रवैये पर भी हमला किया और चेतावनी दी कि यदि रूस की आपूर्ति रोकी गई तो वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं.;
भारत लंबे समय से रूस का ऊर्जा साझेदार रहा है. तेल और गैस के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच गहरा सहयोग है, जिसने भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती दी है. लेकिन हाल के महीनों में अमेरिका ने भारत से अपील की है कि वह यूक्रेन युद्ध के कारण रूस से तेल आयात कम कर दे. इसके अलावा अमेरिकी प्रशासन ने भारतीय निर्यात पर अतिरिक्त टैरिफ भी लगा दिया है, जिससे आर्थिक दबाव और बढ़ गया है. ऐसे माहौल में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बयान भारत के लिए अहम माना जा रहा है.
पुतिन ने साफ कहा कि भारत जैसे देश किसी भी तरह के बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताते हुए कहा कि वे ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे भारत के हितों को नुकसान पहुंचे. पुतिन का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका, यूरोप और चीन जैसे बड़े देशों पर रूस से दूरी बनाने का दबाव डाल रहा है, लेकिन भारत लगातार अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को प्राथमिकता देता आया है.
पुतिन का अमेरिका पर करारा हमला
वलदाई डिस्कशन क्लब में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि अमेरिका भारत और चीन पर रूस से ऊर्जा संबंध खत्म करने के लिए दबाव बना रहा है. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदम से वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्थिर हो जाएगी. पुतिन के अनुसार, अगर भारत रूस से ऊर्जा आयात बंद करता है तो इसका सबसे बड़ा नुकसान भारत को ही झेलना पड़ेगा.
मोदी पर भरोसा
पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी पर गहरा विश्वास जताते हुए कहा कि वे किसी के दबाव में आकर देशहित के खिलाफ निर्णय नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, “भारत जैसे देश अपने नेतृत्व के फैसलों पर नज़र रखते हैं और अपमानजनक स्थिति कभी स्वीकार नहीं करेंगे. मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं, वे ऐसा कदम उठाने की सोच भी नहीं सकते.”
अमेरिका का दोहरा रवैया
पुतिन ने अमेरिका के व्यवहार पर सवाल उठाते हुए कहा कि वाशिंगटन खुद रूस से संवर्धित यूरेनियम खरीदता है, लेकिन दूसरों को रूस से तेल और गैस लेने से रोकने की कोशिश करता है. उन्होंने कहा कि यह रवैया साफ तौर पर पाखंड को दिखाता है और वैश्विक ऊर्जा बाजार को अस्थिर करता है.
तेल की कीमतों पर खतरा
रूसी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी कि अगर रूस की ऊर्जा आपूर्ति कम की गई तो वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें ऊंची रखने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.
यूक्रेन युद्ध में पश्चिम की भूमिका
पुतिन ने यूक्रेन संघर्ष पर भी तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि नाटो देश अब खुले तौर पर यूक्रेन की मदद कर रहे हैं. यूरोप में एक विशेष केंद्र बनाया गया है, जो यूक्रेनी सेना को हथियार, खुफिया जानकारी और प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है. पुतिन ने युद्ध जारी रहने के लिए यूरोप को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि पश्चिमी देश शांति की कोशिशों को कमजोर कर रहे हैं.
ब्रिक्स और सहयोगी देशों को धन्यवाद
अपने संबोधन में पुतिन ने भारत समेत ब्रिक्स देशों, अरब देशों, बेलारूस और उत्तर कोरिया को शांति प्रयासों में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ व्यापार और भुगतान से जुड़ी चुनौतियों का हल ब्रिक्स मंच या अन्य बहुपक्षीय चैनलों से निकाला जा सकता है.
वैश्विक मुद्दों पर पुतिन का रुख
अपने भाषण के अंत में पुतिन ने न सिर्फ ऊर्जा और यूक्रेन युद्ध पर, बल्कि डोनाल्ड ट्रंप की गाजा योजना और यूक्रेन को दी जा रही टॉमहॉक मिसाइलों की आपूर्ति पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश अपने स्वार्थ के लिए वैश्विक संकटों को गहरा कर रहे हैं, जबकि रूस और उसके साझेदार स्थिरता और शांति की दिशा में काम कर रहे हैं.