पाकिस्तान ने भारत को बताया 'अस्तित्व' के लिए खतरा, अमेरिका की थ्रेट रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

अमेरिका की 2025 वर्ल्डवाइड थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान भारत को एक अस्तित्वगत खतरे के रूप में देखता है, जिससे उसकी रक्षा नीति और परमाणु रणनीति प्रभावित होती है. रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान 'पहले परमाणु उपयोग' की नीति बनाए रखता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है. वहीं भारत चीन को मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानते हुए अपनी रक्षा साझेदारियां मजबूत कर रहा है. हालिया आतंकवादी घटनाओं और सैन्य कार्रवाई के चलते भारत-पाक तनाव और बढ़ गया है. रिपोर्ट दोनों देशों को रणनीतिक संतुलन और संवाद की जरूरत की ओर इशारा करती है.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 25 May 2025 3:28 PM IST

Pakistan sees India as threat : हाल ही में जारी अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) की '2025 वर्ल्डवाइड थ्रेट असेसमेंट' रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान भारत को एक 'अस्तित्वगत खतरे' के रूप में देखता है. यह रिपोर्ट दक्षिण एशिया में बढ़ते तनाव और भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित संघर्ष की आशंका को रेखांकित करती है. रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा प्राथमिकताएं वैश्विक नेतृत्व प्रदर्शित करने, चीन का मुकाबला करने और भारत की सैन्य शक्ति को बढ़ाने पर केंद्रित रहेंगी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की सैन्य और सुरक्षा नीति भारत के प्रति इस धारणा से प्रभावित है कि भारत उसकी संप्रभुता और अस्तित्व के लिए खतरा है. इसका परिणाम यह है कि पाकिस्तान अपनी परमाणु नीति में पहले उपयोग का विकल्प बनाए रखता है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है.

चीन को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानता है भारत

रिपोर्ट के अनुसार, भारत चीन को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानता है और पाकिस्तान को एक द्वितीयक सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है. भारत ने हाल ही में भारतीय महासागर क्षेत्र में रक्षा साझेदारियों को मजबूत करने और वैश्विक नेतृत्व भूमिका को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. भारत हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के प्रभाव को रोकने और अपनी वैश्विक भूमिका को मजबूत करने के लिए रक्षा साझेदारियों को प्राथमिकता दे रहा है. भारत-चीन सीमा विवाद पर रिपोर्ट कहती है कि 2023 में हुआ सैन्य पीछे हटना सीमा रेखा के विवाद को तो हल नहीं कर सका, लेकिन तनाव कुछ हद तक कम हुआ. 

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब हाल ही में कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के कारण भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है. दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की स्थिति नाजुक बनी हुई है, और किसी भी उकसावे से स्थिति और बिगड़ सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों को संवाद और कूटनीतिक प्रयासों को प्राथमिकता देनी चाहिए. अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेष रूप से अमेरिका और चीन, को भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है.

सेना का आधुनिकीकरण जारी रखेगा भारत

भारत अपनी 'मेक इन इंडिया' पहल के ज़रिए घरेलू रक्षा उद्योग को मज़बूत करने, आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं को दूर करने और सेना का आधुनिकीकरण जारी रखेगा. 2024 में भारत ने परमाणु-सक्षम अग्नि-I प्राइम MRBM और अग्नि-V के परीक्षण किए, साथ ही दूसरी परमाणु-संचालित पनडुब्बी को शामिल कर अपनी परमाणु त्रिकोणीय शक्ति को बढ़ाया. 

भारत-रूस संबंधों पर रिपोर्ट में क्या कहा गया?

भारत-रूस संबंधों पर रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत रूस के साथ संबंध बनाए रखेगा, क्योंकि यह संबंध उसके रक्षा और आर्थिक लक्ष्यों के लिए अहम हैं, और रूस-चीन की नजदीकियों के बीच संतुलन बनाने में मदद करते हैं. हालांकि भारत ने रूसी हथियारों की नई खरीद कम की है, लेकिन अब भी उसकी सैन्य क्षमताएं रूस से आए पुराने टैंकों और लड़ाकू विमानों पर निर्भर हैं.

पाकिस्तान के बारे में रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

पाकिस्तान पर रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी सैन्य प्राथमिकताएं भारत के साथ सीमाई झड़पें, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच राष्ट्रवादियों से बढ़ते हमले, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई, और परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण हैं. 2024 में पाकिस्तान में आतंकवादियों ने 2,500 से अधिक लोगों की जान ली. पाकिस्तान भारत के पारंपरिक सैन्य वर्चस्व को संतुलित करने के लिए 'बैटलफील्ड न्यूक्लियर वेपन्स' जैसे विकल्प विकसित कर रहा है. साथ ही, वह परमाणु सुरक्षा और कमांड-कंट्रोल संरचना को बनाए रखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से परमाणु हथियारों में प्रयुक्त होने वाली सामग्री खरीद रहा है.

 

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