अमेरिका में रहने के लिए कितना गिरेंगे अवैध प्रवासी! US में भारत की कर रहे छीछालेदर

Indians in America: हर देश विदेशियों के अवैध प्रवेश पर प्रतिबंध लगाता है और इसीलिए अमेरिका ने 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया है. इस दौरान वहां बचे हुए अवैध तरीके से रह रहे भारतीय कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें वहां से डिपोर्ट न किया जाए. इसके लिए वह भारत को बदनाम करने पर भी उतारू हैं.;

Indians in America(Image Source:  META AI )
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 14 Nov 2025 7:33 PM IST

Indians in America: अमेरिका बसने की चाह में भारतीय क्या-क्या नहीं करते हैं. जब उन्हें परमिशन नहीं मिलता है तो वह 'डंकी रूट' से जान जोखिम में डालकर US जाते हैं. लेकिन अब जब उन्हें अमेरिका से भारत फिर से डिपोर्ट किया जा रहा है, तो अमेरिका में रहने के लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. इस दौरान वह विदेश में भारत को बदनाम करने पर भी उतारू हैं.

दरअसल, अमेरिका में रह रहे भारतीयों को अब डिपोर्ट किया जा रहा है, जिससे बचने के लिए वह वहां झूठे एफिडेविट दाखिल कर रहे हैं. इसमें वह भारत में किसी राजनीतिक पार्टी से अपनी जान को खतरा बता रहे हैं. इसमें वह बताते हैं कि उन्हें पार्टियों के लिडर्स से बार-बार धमकी दी जाती है.

एफिडेविट दाखिल करने वालों में गुजरातियों से अधिक पंजाबी

दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 'डंकी रूट' से अमेरिका पहुंचे एक भारतीय ने बताया कि एफिडेविट दाखिल करने वालों में गुजरातियों से अधिक पंजाब के लोग हैं. वे वहां दावा करते हैं कि जिस संगठन के उनका जुड़ाव है, भारत में सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करती है. इसलिए उन्हें वहां शरण दी जाए. इन तमाम झूठे दावों के साथ वह अमेरिका में भारत और यहां की सरकार समेत शासन व्यवस्था को बदनाम कर रहे हैं.

एफिडेविट से निकली मुख्य बातें-

किसी एफिडेविट में वह अपने आप को बीजेपी या कांग्रेस का कार्यकर्ता बताते हैं. इसमें उनका कहना होता है कि विरोधी पार्टी से उन्हें और उनकी जान को खतरा है. इसे लेकर स्थानिय पुलिस शिकायत तक दर्ज नहीं कर रहे हैं. इसलिए उन्हें देश छोड़कर भागना पड़ा.

किसी एफिडेविट में तो उनका कहना होता है कि उन्हें हिंदू या फिर मुस्लिम समुदाय के लड़की या लड़कों से प्यार हो गया और दूसरे धर्म के लोग उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. कहीं-कहीं लोग ये भी कह रहे हैं कि उनकी पत्नी या पति पर दूसरे समुदाय के लोग जानलेवा हमला करते हैं. इसलिए उन्हें देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा.

कुछ एफिडेविट तो ऐसे भी हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना में उनका कारोबार पूरी तरह से बर्बाद हो गया. उनके पास खाने तक के लिए नहीं है. जहां सरकार भी उनकी कोई मदद नहीं कर रही है. उन्होंने मजबूरन कर्ज लिया और चुका नहीं पाए तो कर्ज वसूलने के लिए उन्हें जान से मारने की कोशिश की गई है. इसलिए वह परिवार के साथ देश छोड़कर वहां पहुंचे हैं. 

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