आई एम फॉर ऑल... ऑक्सफोर्ड में लगे 'ममता बनर्जी वापस जाओ' के नारे, आरजी कर को लेकर पूछे सवाल

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ममता बनर्जी को छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा, जहां भ्रष्टाचार, लोकतंत्र, धार्मिक भेदभाव से जुड़े सवाल पूछे गए. उन्होंने 1990 की पुरानी तस्वीर दिखाकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश की. वामपंथी छात्र संगठन एसएफआई-यूके ने सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया. विरोध के बीच 'ममता बनर्जी वापस जाओ' के नारे लगे.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 28 March 2025 8:01 AM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को 27 मार्च को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में भाषण के दौरान कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. जब एक दर्शक ने राज्य में हुए लाखों करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर सवाल उठाया, तो अन्य छात्रों ने भी तीखे प्रश्न करने शुरू कर दिए. इस दौरान, पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली भी दर्शकों में मौजूद थे.

ममता बनर्जी से कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में बलात्कार और हत्या से जुड़े सवाल भी पूछे गए. उन्होंने इन सवालों को राजनीतिक एजेंडा करार देते हुए कहा कि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है और केंद्र सरकार के पास है. उन्होंने जोर देकर कहा, "यह मंच राजनीति के लिए नहीं है. आप झूठ फैला रहे हैं, इसे राजनीतिक मंच न बनाएं."

पुरानी तस्वीर से सहानुभूति बटोरने की कोशिश

आलोचनाओं का सामना करते हुए ममता बनर्जी ने 1990 के दशक की अपनी एक तस्वीर दिखाई, जिसमें उनके सिर पर पट्टी बंधी थी. उन्होंने दावा किया कि विपक्ष में रहने के दौरान उनकी हत्या की कोशिश की गई थी. उन्होंने विरोध कर रहे छात्रों से कहा, "पहले मेरी तस्वीर देखिए कि कैसे मुझे मारने की कोशिश की गई थी."

धार्मिक मुद्दों पर बढ़ता टकराव

एक दर्शक ने ममता बनर्जी से बंगाल में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार पर सवाल किया. इस पर उन्होंने जवाब दिया, "मैं सभी के लिए हूं, हिंदू और मुसलमान सभी के लिए." लेकिन उनकी प्रतिक्रिया के तुरंत बाद कुछ छात्रों ने "ममता बनर्जी वापस जाओ" के नारे लगाने शुरू कर दिए, जिससे माहौल और गरम हो गया.

वामपंथी छात्र संगठन ने किया विरोध

इस विरोध का नेतृत्व वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई-यूके) ने किया. उन्होंने ममता बनर्जी और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बंगाल में आम नागरिकों की आवाज को दबाया जा रहा है और उनकी सरकार अलोकतांत्रिक नीतियों पर चल रही है.

सभी धर्मों का करती हूं समर्थन

विरोध के बीच ममता बनर्जी ने छात्रों पर "अति वामपंथी और सांप्रदायिक" होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "आप मेरा नहीं, बल्कि अपने संस्थान का अपमान कर रहे हैं. यह लोग हर जगह ऐसा करते हैं. मैं सभी धर्मों का समर्थन करती हूं. हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई. किसी एक जाति का नाम मत लीजिए, सभी का नाम लीजिए." इसके बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने अपने विरोध को जारी रखा, जिससे ममता बनर्जी के भाषण पर हंगामे की स्थिति बनी रही.

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