मुझे विश्वास है कि भारत टैरिफ में कटौती करेगा, 'जैसे को तैसा' टैक्स को लेकर क्या बोले ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि भारत को अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर लगाए गए टैरिफ में कमी करनी होगी, नहीं तो अमेरिका भी Reciprocal Tariffs लगाएगा. उन्होंने भारत को 'टैरिफ किंग' बताते हुए कहा कि अमेरिकी सामानों पर ज्यादा ड्यूटी लगाना Unfair Trade Practice है. अब देखना होगा कि भारत इस ट्रेड वार में कैसे प्रतिक्रिया देता है.;

Edited By :  नवनीत कुमार
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि भारत जल्द ही अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर लगने वाले टैरिफ को कम कर सकता है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि अगर भारत टैरिफ में कमी नहीं करता, तो अमेरिका भी 2 अप्रैल से उन्हीं टैरिफ को लागू करेगा, जो भारत अमेरिकी सामानों पर लगाता है. ट्रंप का ये बयान ग्लोबल ट्रेड में एक बड़े शिफ्ट की ओर इशारा करता है.

ट्रंप पहले भी भारत पर 'टैरिफ किंग' होने का आरोप लगा चुके हैं. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका से बहुत ज्यादा ड्यूटी वसूलता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को वहां बिजनेस करने में मुश्किल होती है. ट्रंप का कहना है कि भारत में अमेरिकन प्रोडक्ट्स बेचना इतना आसान नहीं है, जबकि भारतीय कंपनियां अमेरिकी मार्केट में आसानी से एक्सपोर्ट कर रही हैं. अब अमेरिका भी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की तैयारी में है.

अमेरिका ने की भारत के टैरिफ पॉलिसी की आलोचना

व्हाइट हाउस की प्रेस ब्रीफिंग में प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने भी भारत के टैरिफ पॉलिसी की आलोचना की. उन्होंने बताया कि भारत अमेरिकन बर्बन व्हिस्की पर 150% और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट पर 100% तक का टैरिफ लगाता है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये टैरिफ कम नहीं हुए, तो अमेरिका भी भारत के सामानों पर कड़े टैरिफ लगाएगा, जिससे भारतीय एक्सपोर्टर्स को नुकसान हो सकता है.

रीथिंक करेगा टैरिफ स्ट्रक्चर

ट्रंप ने इस मुद्दे को ग्लोबल ट्रेड इश्यू से जोड़ते हुए कहा कि अमेरिका अब किसी भी देश को अनफेयर एडवांटेज नहीं लेने देगा. उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार 'फेयर ट्रेड' को प्रमोट कर रही है और भारत के साथ करीब 100 बिलियन डॉलर के ट्रेड डिफिसिट को खत्म करने के लिए बातचीत कर रही है. ट्रंप के इस सख्त स्टैंड के चलते भारत को जल्द ही अपने टैरिफ स्ट्रक्चर पर रीथिंक करना पड़ सकता है.

ट्रेड रिलेशन होगा बेहतर?

भारत और अमेरिका के बीच यह ट्रेड टकराव आगे क्या मोड़ लेगा, यह देखने वाली बात होगी. अगर भारत अपने टैरिफ पॉलिसी में बदलाव करता है, तो दोनों देशों के बीच ट्रेड रिलेशन बेहतर हो सकते हैं. लेकिन अगर अमेरिका ने Retaliatory टैरिफ लागू कर दिए, तो इससे भारतीय एक्सपोर्ट सेक्टर पर दबाव बढ़ सकता है. अब देखना होगा कि भारत इस चुनौती का सामना कैसे करता है और ग्लोबल ट्रेड्स डायनामिक्स में खुद को कैसे एडजस्ट करता है.

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