कनाडा कितनी बार लेगा यू-टर्न? पीएम मोदी पर आरोपों से पलटने के बाद अब वापस लिया ये फैसला
India Canada Issue: कनाडा ने पीएम मोदी पर लगाए गए आरोपों से पलट गया है. इसके अलावा, उनसे एक और बड़ा फैसला वापस लिया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर कितनी बार कनाडा यू-टर्न लेगा...;
Canada India Relations: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव जारी है. कनाडा पहले भारत पर आरोप लगाता है, फिर मामला जब बढ़ने लगता है तो उसके सुर बदल जाते हैं. कनाडा ने अब फिर से यू-टर्न लिया है. उसने भारत आने वाले यात्रियों की अतिरिक्त जांच के लिए अपनी मानक संचालन प्रक्रियाओं को वापस ले लिया है. अब भारत आने वाले यात्रियों को अतिरिक्त जांच से नहीं गुजरना पड़ेगा.
इससे पहले, कनाडा की परिवहन मंत्री ने अस्थायी प्रोटोकॉल की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि भारत आने वाले यात्रियों के लिए अस्थायी अतिरिक्त सुरक्षा जांच उपाय लागू किए गए हैं. इस वजह से जांच में कुछ देरी का सामना करना पड़ सकता है. एयर कनाडा ने भारत आने वाले यात्रियों को फ्लाइट के समय से चार घंटे पहले एयरपोर्ट पहुंचने की अपील की थी.
कनाडा की मीडिया ने लगाए गंभीर आरोप
हाल ही में कनाडा की मीडिया और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल कनाडा में आपराधिक गतिविधियों में शामिल हैं. अब इस पर यू-टर्न लेते हुए कनाडा ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि पीएम मोदी, एस जयशंकर और डोभाल किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल हैं.
भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
इससे पहले, भारत ने पीएम मोदी को निज्जर हत्याकांड की कथित साजिश के बारे में जानकारी होने का दावा करने वाली मीडिया की खबर को बदनाम करने वाला अभियान करार दिया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को बदनाम करने वाले इस तरह के अभियान तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं.
कनाडा के 'ग्लोब एंड मेल' न्यूजपेपर की रिपोर्ट में कनाडाई सरकार के सूत्र का हवाला देते हुए दावा किया गया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बारे में प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल भी जानते थे।
ट्रूडो ने भारत पर लगाए थे गंभीर
बता दें कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने पिछले साल जून में वैंकूवर में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के 'एजेंटों' के शामिल होने का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया था कि अमेरिका समेत खुफिया साझेदारों के साथ विश्वसनीय जानकारी शेयर की गई थी. कनाडा सरकार ने भारतीय राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद भारत ने भी कनाडा के प्रभारी स्टीवर्ट व्हीलर और पांच अन्य राजनयिकों को निष्कासित कर दिया.