विदेशी सिनेमा पर ट्रंप का वार! Hollywood को बचाने के लिए 100% टैरिफ का ऐलान; कहा- 'मेक फिल्म्स इन अमेरिका'
डोनाल्ड ट्रम्प ने विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, यह कहते हुए कि अमेरिका का फिल्म उद्योग विदेशी प्रोत्साहनों के कारण मर रहा है. उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया और हॉलीवुड को बचाने के लिए कठोर कदम उठाने की बात कही. इस नीति से वैश्विक व्यापार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था और सिनेमा जगत में हलचल मच सकती है.;
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक चौंकाने वाला प्रस्ताव रखते हुए घोषणा की है कि अमेरिका अब सभी विदेशी फिल्मों पर 100% टैरिफ लगाएगा. ट्रम्प के अनुसार, यह कदम अमेरिकी फिल्म उद्योग की रक्षा के लिए जरूरी है, जो कथित रूप से विदेशी प्रोत्साहनों और प्रचार के दबाव में है. उन्होंने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि "अमेरिका में फिल्म उद्योग तेजी से मर रहा है" और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए अन्य देशों पर हॉलीवुड को कमजोर करने का आरोप लगाया.
ट्रम्प के इस बयान की पृष्ठभूमि में वैश्विक फिल्म बाजार की खतरनाक कंपटीशन है, जहां टोरंटो, लंदन, डबलिन जैसे शहर विशाल कर छूट और सुविधाएं देकर हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स को आकर्षित कर रहे हैं. अमेरिकी वाणिज्य विभाग और व्यापार प्रतिनिधियों का कहना है कि ऐसे ‘नॉन-टैरिफ बैरियर्स’ अमेरिकी स्टूडियो को नुकसान पहुंचा रहे हैं. कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूजॉम ने फिल्म उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए नए टैक्स क्रेडिट पैकेज की घोषणा की है.
कोरोना के बाद थियेटर बिजनेस में गिरावट
महामारी के बाद से अमेरिकी थिएटर व्यवसाय लगातार गिरावट की मार झेल रहा है. ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते वर्चस्व और कम प्रमुख फिल्मों की सिनेमाघरों में घटती उपस्थिति ने टिकट बिक्री को प्रभावित किया है. ट्रम्प की यह घोषणा एक ऐसे समय में आई है जब फिल्म निर्माताओं को पहले ही राजस्व और वितरण की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.
वैश्विक व्यापार युद्ध की वापसी?
फिल्मों पर टैरिफ की यह नीति ट्रम्प की उस व्यापार रणनीति का ही विस्तार है, जिसमें उन्होंने चीन से आयातित वस्तुओं पर 145% शुल्क लगाया था. इसका परिणाम एक तीखा व्यापार युद्ध था, जिसमें चीन ने भी 125% टैरिफ लगाकर जवाब दिया. इस टकराव ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित किया और अमेरिकी उद्योगों पर मंदी की तलवार लटका दी.
इकॉनमी पर गहरा असर
2025 की पहली तिमाही में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में 0.3% की गिरावट दर्ज की गई है, जो उपभोक्ता खर्च और आयात में गिरावट का नतीजा है. शिपिंग कंपनियों को चीन से ऑर्डर न मिलने के कारण अपने जहाज रद्द करने पड़ रहे हैं, जबकि लॉस एंजेलिस पोर्ट पर आने वाला माल 35% तक गिर गया है. अर्थशास्त्री ट्रम्प की अप्रत्याशित व्यापार नीतियों को इस अस्थिरता के लिए दोषी ठहरा रहे हैं.
दुनिया की नजर में अमेरिका की छवि
भले ही ट्रम्प सरकार स्विट्जरलैंड, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ 'विशेषाधिकार प्राप्त' सौदों की बात कर रही हो, लेकिन अंतरराष्ट्रीय नेता भ्रम और रणनीति के अभाव की शिकायत कर रहे हैं. अटलांटिक काउंसिल के विश्लेषक जोश लिप्स्की कहते हैं, 'इसमें कोई स्पष्ट योजना नहीं दिखती.' ट्रम्प का यह सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, आर्थिक अनिश्चितता और वैश्विक सहयोग की भावना को पीछे छोड़ता नजर आता है.