'लड़कियों का फुटबॉल खेलना गैर-इस्लामी', प्रदर्शन के बाद बांग्लादेश ने मैच किया रद्द

बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कहा कि महिलाओं के फुटबॉल मैच खेलने पर कहा कि यह इस्लाम विरोधी है. इसके चलते उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण बांग्लादेश ने मैच कैंसिल कर दिया. इस पर बांग्लादेश फुटबॉल फेडरेशन ने निंदा करते हुए कहा कि यह महिलाओं का अधिकार है.;

( Image Source:  Instagram/unicefbangladesh )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 30 Jan 2025 5:25 PM IST

बांग्लादेश में महिला फुटबॉल मैच रद्द कर दिया गया. इसका कारण इस्लामी कट्टरपंथियों का विरोध प्रदर्शन था. यह हाल के दिनों में इस तरह की दूसरी घटना है. यह मैच जॉयपुरहाट और रंगपुर की जिला टीमों के बीच रद्द हुआ. दरअसल फुटबॉल में महिलाओं के भागीदारी के कारण इस्लामी स्कूल के छात्रों और शिक्षकों सहित प्रदर्शनकारियों ने विरोध में स्टेडियम की ओर मार्च किया.

इस पर टूर्नामेंट ऑर्गेनाइजर समीउल हसन इमोन ने एएफपी को बताते हुए कहा कि 'हमारे क्षेत्र के इस्लामवादी एक मैदान में इकट्ठा हुए और वेन्यू की ओर आगे बढ़े. उनमें सैकड़ों लोग थे. इसके कारण स्थिति बिगड़ गई और हमें आज का प्रोग्राम कैंसिल करना पड़ा.

फुटबॉल खेलना गैर इस्लामी

इस विरोध प्रदर्शन का तृत्व धार्मिक कट्टरपंथियों ने किया. उनका कहना है कि महिला फुटबॉल इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ है. इस प्रदर्शन में भाग लेने वाले मदरसा के हेडमास्टर अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि लड़कियों का फुटबॉल गैर-इस्लामी है. हमारी मान्यताओं के खिलाफ जाने वाली किसी भी चीज को रोकना हमारा धार्मिक कर्तव्य है.

दिनाजपुर में भी हुआ प्रदर्शन

बांग्लादेश में यह पहली बार नहीं हुआ है. फुटबॉल मैच के कैंसिल होने से एक दिन पहले पास के शहर दिनाजपुर में भी ऐसी ही घटना हुई थी. जहां लाठी-डंडे लेकर प्रदर्शन करने वाले इस्लामवादियों के विरोध के बाद महिलाओं का एक और मैच स्थगित कर दिया गया था. दिनाजपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान इस्लामवादी प्रदर्शनकारियों और सामने वाले प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई. इस दौरान दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर ईंटें फेंकी.

चार लोग हुए घायल

स्थानीय सरकारी अधिकारी अमित रॉय ने बताया कि इस झड़प के कारण चार लोग घायल हुए, हालांकि सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. इस मामले में टीचर मोनिरुज्जमां जिया ने बताया कि अधिकारियों को खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए उन्हें बाहर निकालना पड़ा.

बीएफएफ ने की निंदा

बांग्लादेश फुटबॉल फेडरेशन (बीएफएफ) ने इस घटना की निंदा की और खेलों में महिलाओं की भागीदारी के अधिकार पर जोर दिया. बीएफएफ के मीडिया मैनेजर सदमान साकिब ने एक बयान में कहा कि फुटबॉल सभी के लिए है और महिलाओं को इसमें भाग लेने का पूरा अधिकार है.'

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