Sex toys से लेकर Ray-Ban के चश्मे तक के लिए देने होंगे ज्यादा डॉलर, ट्रंप का टैरिफ अमेरिकियों पर ही भारी
अमेरिका में उपभोक्ताओं की जेब पर महंगाई की मार और बढ़ सकती है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए ग्लोबल इंपोर्ट टैरिफ का असर दिखने लगा है. सेक्स टॉय, रे-बैन सनग्लासेज़, बोटॉक्स से लेकर कॉफी कैप्सूल तक—अब इन सब चीजों की कीमतों में इज़ाफा देखने को मिलेगा.;
अमेरिका में उपभोक्ताओं के लिए स्टाइल और सुख-सुविधा अब और महंगी साबित हो सकती है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई ग्लोबल टैरिफ नीति के तहत अब कई इंटरनेशनल प्रोडक्ट्स पर भारी आयात शुल्क लगाया गया है, जिससे इनकी कीमतों में तेजी से इज़ाफा होने की आशंका है. रे-बैन सनग्लास, नेस्प्रेस्सो कॉफी, बोटॉक्स, सेक्स टॉय, विग्स और हॉस्पिटल बेड जैसी चीजें अब पहले से कहीं अधिक महंगी हो सकती हैं. कंपनियां अब तय कर रही हैं कि इस अतिरिक्त लागत का कितना हिस्सा ग्राहकों पर डाला जाए. इसका असर अमेरिका के रोजमर्रा के बाज़ार पर भी साफ़ दिख सकता है.
1. रे-बैन सनग्लासेज़-
जो बाइडेन की आइकॉनिक लुक का हिस्सा रहे Aviators अब महंगे हो सकते हैं. ये चश्मे इटली के डोलोमाइट्स की पहाड़ियों में बनते हैं और फिर अमेरिका भेजे जाते हैं. इन्हें बनाने वाली कंपनी EssilorLuxottica SA पर अब 20% टैरिफ लागू होगा, जिससे इनकी कीमतों में बढ़ोतरी तय है.
2. नेस्प्रेस्सो कॉफी-
स्विट्ज़रलैंड में बनने वाले नेस्प्रेस्सो कैप्सूल्स पर अब 31% का टैरिफ लग चुका है. हर साल दुनियाभर में करीब 14 अरब कैप्सूल्स की बिक्री होती है. अमेरिका में इनका इंपोर्ट अब काफी महंगा हो जाएगा.
3. विग्स, आईलैशेज़ और सेक्स टॉय-
चीन इस सेगमेंट का सबसे बड़ा निर्माता है और अमेरिका उसका सबसे बड़ा ग्राहक. विग, नकली पलकों और सेक्स टॉय पर अब 26% से 34% तक के टैरिफ लग चुके हैं। 2024 में अमेरिका में सेक्स टॉय का बाजार $10.6 बिलियन का था.
4. बोटॉक्स-
कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट चाहने वालों के लिए भी बुरी खबर है. आयरलैंड में बनने वाला बोटॉक्स, जो अमेरिका में खूब इस्तेमाल होता है, अब महंगा हो सकता है. बीमा इसे कवर नहीं करता, इसलिए उपभोक्ताओं को सीधा असर झेलना पड़ेगा.
5. अस्पताल के बेड:
चेक गणराज्य की Linet Group, जो हाई-टेक हॉस्पिटल बेड बनाती है, अब अमेरिका में अपने कॉन्ट्रैक्ट्स महंगे कर रही है. कंपनी का कहना है कि वह अब केवल प्रीमियम प्रोडक्ट्स पर फोकस करेगी, जिससे अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम पर और भार बढ़ेगा.