बशर अल-असद के पतन के बाद सुवैदा में 350 मौतें, ड्रूज़ समुदाय बना संघर्ष का नया केंद्र; क्या सीरिया के टुकड़े-टुकड़े करना चाहता है इजरायल?
सीरिया के सुवैदा प्रांत में ड्रूज़ व्यापारी के अपहरण के बाद ड्रूज़ मिलिशिया और सुन्नी बेदुइन लड़ाकों के बीच संघर्ष भड़क उठा, जिसमें अब तक 350 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. 13 जुलाई से शुरू हुई इस हिंसा में 15 जुलाई को इज़रायल भी कूद पड़ा और ड्रूज़ समुदाय की सुरक्षा के नाम पर सीरियाई सैन्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की. इसके साथ ही, ड्रूज़ समुदाय, जो अब तक सीरियाई गृहयुद्ध में तटस्थ रहा, अब इस भू-राजनीतिक संकट के केंद्र में आ गया है.;
Druze Syria Conflic Israel Tensions: 13 जुलाई को सीरिया के सुवैदा प्रांत में एक ड्रूज़ व्यापारी के अपहरण से शुरू हुई झड़पों ने देखते ही देखते हिंसक संघर्ष का रूप ले लिया. ड्रूज़ मिलिशिया और सुन्नी बेडौइन लड़ाकों के बीच संघर्ष इतना बढ़ गया कि 15 जुलाई तक इसमें इज़राइल भी कूद पड़ा. इज़राइल ने सीरिया के सैन्य ठिकानों पर एयरस्ट्राइक करते हुए दावा किया कि वह ड्रूज़ समुदाय की रक्षा कर रहा है और उन सरकारी बलों को निशाना बना रहा है जो ड्रूज़ों पर हमले कर रहे थे. सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) के अनुसार 13 जुलाई से अब तक 350 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
स्थानीय झगड़े से शुरू हुआ विवाद अब एक क्षेत्रीय संकट बन चुका है. लंबे समय से शांत और तटस्थ माने जाने वाले ड्रूज़ अब सीरिया की नई अस्थिरता के केंद्र में आ गए हैं.
ड्रूज़ कौन हैं?
ड्रूज़ एक रहस्यमयी और सीमित समुदाय हैं, जिनकी उत्पत्ति 11वीं सदी के मिस्र से हुई मानी जाती है. इस समुदाय की मान्यताएं इस्माइली इस्लाम की शाखा से निकलकर एक अलग धार्मिक दर्शन में बदल गई हैं. वे ना किसी को अपने धर्म में आने देते हैं और ना ही किसी को बाहर जाने की अनुमति देते हैं. वैश्विक स्तर पर इनकी संख्या 15 लाख के करीब है, जिसमें से 7 लाख सिर्फ सीरिया में हैं.
सीरिया में ड्रूज़ कहां रहते हैं?
सुवैदा प्रांत ड्रूज़ों का प्रमुख गढ़ है जो जॉर्डन सीमा से सटा और गोलन हाइट्स से 50 मील की दूरी पर है. यहां लंबे समय से ड्रूज़ों की अर्ध-स्वायत्त स्थिति रही है. यहां ISIS जैसे संगठनों को ड्रूज़ मिलिशियाओं ने दूर रखा था.
अब क्यों भड़की हिंसा?
अगस्त 2023 से ड्रूज़ समुदाय सरकार की आर्थिक नीतियों और उत्पीड़न के खिलाफ विरोध में था. दिसंबर 2024 में बशर अल-असद की सत्ता से बेदखली के बाद लोगों को उम्मीद थी कि हालात बेहतर होंगे, लेकिन ड्रूज़ों की हालत और बिगड़ गई.
13 जुलाई को ड्रूज़ व्यापारी के अपहरण के बाद बदले की कार्रवाई और सरकारी बलों की दमनकारी कार्रवाइयों ने हालात को विस्फोटक बना दिया. SOHR के अनुसार, सीरियाई सैनिकों ने बिना मुकदमे के कम से कम 19 ड्रूज़ों को मार डाला.
इज़राइल क्यों कूदा मैदान में?
इज़राइल में लगभग 1.5 लाख ड्रूज़ रहते हैं, जो गोलन हाइट्स और उत्तरी इज़राइल में बसे हैं. ये इज़राइली सेना में भी सेवा करते हैं. कई इज़राइली ड्रूज़ सीरियाई ड्रूज़ों से गहरे रिश्ते रखते हैं. जुलाई 2025 में कुछ इज़राइली ड्रूज़ ने सीमा पार जाकर समर्थन भी जताया. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल की एयरस्ट्राइक ड्रूज़ों की रक्षा के लिए हैं. लेकिन जानकार मानते हैं कि यह कदम केवल मानवता नहीं, बल्कि रणनीतिक उद्देश्यों से भी प्रेरित है।
इज़राइल दक्षिण सीरिया में एक 'बफर ज़ोन' स्थापित करने की योजना पर विचार कर रहा है यानी एक ऐसा इलाका जो ड्रूज़ों के नियंत्रण में हो और जहां से सीरियाई सेना या इस्लामी लड़ाके इज़राइल की सीमा के पास न आ सकें. पूर्व राजनयिक एलोन पिंकास के अनुसार, नेतन्याहू सरकार के लिए एक कमजोर, विभाजित और अस्थिर सीरिया इज़राइल के लिए अधिक सुरक्षित विकल्प है.
क्या यह ड्रूज़ों के लिए खतरा बनेगा?
इज़राइल ने घायल ड्रूज़ों के लिए अपनी सीमाएं खोली हैं और धार्मिक यात्राओं की अनुमति भी दी है, लेकिन ड्रूज़ों के कुछ नेता चेतावनी दे रहे हैं कि इज़राइल का अधिक समर्थन उन्हें सीरिया में अलग-थलग कर सकता है. ड्रूज़ समुदाय भले ही छोटा है, लेकिन सीरिया की नई अस्थिरता में उसकी भूमिका लगातार बढ़ रही है. सुवैदा की लड़ाई अब सिर्फ एक क्षेत्रीय संघर्ष नहीं, बल्कि पश्चिम एशिया की जटिल रणनीतिक राजनीति का नया मोर्चा बन चुकी है.