ट्रंप की जीत के बाद हूती विद्रोहियों का शांति एलान, अब असर दिखा रहा 'अमेरिका का खौफ'

2024 में ट्रंप की जीत के बाद हूती विद्रोहियों ने शांति की घोषणा की। क्या यह शांति का ऐलान सचमुच ट्रंप के प्रभाव का नतीजा है या सिर्फ राजनीतिक शिगूफा? जानिए, ट्रंप का खौफ दुनिया पर।;

By :  अमन बिरेंद्र जायसवाल
Updated On : 6 Nov 2024 7:11 PM IST

क्या माजरा है! ट्रंप की जीत ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। और अब, हूती विद्रोहियों भाई भी डर के मारे शांति का ऐलान कर रहे हैं। कुछ समझ नहीं आ रहा, ये क्या हो रहा है? पहले, ट्रंप का नाम सुनते ही इनकी हालत खराब हो जाती थी, और अब देखिए—जब ट्रंप ने 2024 का चुनाव जीत लिया, तो हूती विद्रोहियों भाई कह रहे हैं, "हमारे ऑपरेशन तो बस अपनी रक्षा के लिए थे, कोई ज्यादा कुछ नहीं।" यह वही हूती विद्रोहियों हैं जो हाल ही में सऊदी अरब और यूएई जैसे देशों को अपने मिसाइल और ड्रोन से दिन में तारे दिखा रहे थे, और अब इनकी ऐसी तैसी हो गई है कि ट्रंप की जीत के बाद शांति की बात करने लगे हैं।

अंतरराष्ट्रीय संघर्ष में हूती विद्रोहियों की बढ़ती ताकत और ट्रंप की सख्ती

पिछले कुछ सालों में, हूती विद्रोहियों (जिन्हें वैसे तो यमन के विद्रोही गुट के रूप में जाना जाता है) ने अपना कचूमर निकाल दिया था। किसी समय, ये लड़ाई सिर्फ अपने देश तक सीमित थी, लेकिन अब ये इंटरनेशनल वॉटरस, यानी वैश्विक व्यापार के रास्तों पर भी अपनी ताकत दिखा रहे थे। इनका निशाना सिर्फ सऊदी अरब ही नहीं, बल्कि अमेरिकी युद्धपोत भी थे, और इनकी वजह से अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट्स को भी काफी नुकसान हो चुका था। इनकी मिसाइल और ड्रोन टेक्नोलॉजी का बढ़ता हुआ उपयोग अमेरिका के लिए सिरदर्द बना हुआ था। और अब ट्रंप के चुनाव जीतने के बाद इनका हौंसला जैसे एकदम टूट गया। ट्रंप के आते ही मानो हूती विद्रोहियों भाइयों के मन का युद्ध रुक गया और शांति का ऐलान कर दिया।

क्या हूती विद्रोहियों का शांति का ऐलान ट्रंप के प्रभाव का परिणाम है?

यहां पर ट्रंप के प्रभाव की बात करना जरूरी है। उनके शासन के दौरान, अमेरिका का विदेश नीति काफी सख्त था और हूती विद्रोहियों भाई जानते थे कि ट्रंप के साथ अब कोई मजाक नहीं होगा। यही कारण हो सकता है कि उनकी अचानक से शांति की घोषणा हुई। यह दिखाता है कि ट्रंप की जीत का असर दुनिया के सबसे खतरनाक गुटों पर भी पड़ा है। अगर हूती विद्रोहियों, जो अपनी मिसाइलों और ड्रोन से कभी सऊदी अरब और यूएई को परेशान कर रहे थे, अब शांत हो गए हैं, तो यह मानने का कारण बनता है कि ट्रंप का खौफ तो सच में बड़ा है। अब, ये गुट शायद अपनी रणनीतियों को फिर से सोच रहे होंगे, क्योंकि ट्रंप की वापसी उनके लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

दुनिया पर ट्रंप की जीत और उसके सुरक्षा प्रभाव का असर

और एक बात साफ है—दुनिया भर में इन गुटों की गतिविधियों पर ट्रंप के प्रभाव का असर देखा जा सकता है। पहले जहां इन गुटों को अमेरिकी विदेश नीति में कमजोरी दिख रही थी, वहीं अब इनकी गतिविधियों पर बेमिसाल नियंत्रण देखा जा सकता है। ट्रंप की जीत और उसका असर सिर्फ अमेरिकी राजनीति तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि यह पूरी दुनिया में सुरक्षा को प्रभावित करने वाला है।

तो अब सवाल ये उठता है—क्या हूती विद्रोहियों का अचानक शांति का ऐलान सिर्फ एक राजनीतिक शिगूफा है, या यह सच में ट्रंप के प्रभाव का नतीजा है? टाइम तो आने वाला है, लेकिन फिलहाल हूती भाई का 'चूहे' जैसे दुबके अंदाज में शांति की बात करना, ये तो दिखाता है कि अमेरिका की ताकत और ट्रंप का खौफ कहीं न कहीं असर डाल ही चुका है।

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