VIDEO; तेरी आंख्या का यो काजल गाने पर बांग्लादेशी छात्रों ने किया अनोखा प्रदर्शन, समझें मामला

ढाका यूनिवर्सिटी की छात्रों ने नॉइस पॉल्यूशन के खिलाफ एक अनोखा प्रदर्शन किया है, जिसमें वह सपना चौधरी से लेकर खेसारी लाल यादव के गानों पर थिरकते हुए नजर आए. इतना ही नहीं, इस दौरान छात्र प्लेट और चम्मच भी बजा रहे थे.;

Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 13 Dec 2024 9:16 AM IST

बांग्लादेश के स्टूडेंट्स ने नॉइस पॉल्यूशन के खिलाफ यूनिवर्सिटी के इनएक्शन का विरोध करने के लिए एक अनोखा कदम उठाया. छात्रों ने इसके लिए सपना चौधरी का गाना बजाया. इस प्रोटेस्ट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें विश्वविद्यालय की फीमेल स्टूडेंट्स वाइस चांसलर के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नजर आ रही हैं.

इस दौरान सपना चौधरी का सबसे फेमस गाना "तेरी आंख्या का यो काजल" बजाया गया. इस प्रदर्शन में हरियाणवी से लेकर भोजपुरी गाने तक चलाए गए. इतना ही नहीं, लड़कियों ने बजरंगी भाईजान का "आज की पार्टी" गाने पर भी डांस किया. 

क्या है मामला?

एक सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, पता चला है कि स्टूडेंट्स अपनी बिल्डिंग के बाहर शोर को लेकर अपनी शिकायतों को अनसुना किए जाने के बाद निराश थे. वहीं, एक ट्वीट में दावा किया गया ढाका विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने कथित तौर पर वुमेन हॉल के पास नॉइस पॉल्यूशन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. इसलिए महिला छात्राओं ने वाइस चांसलर के घर के सामने लाउडस्पीकर लगाकर यह प्रोटेस्ट किया.

लोगों के रिएक्शन

एक्स पर लोगों ने इस प्रोटेस्ट पर अपनी राय रखी है. एक यूजर ने कमेंट करते हुए कहा- यह विरोध जताने का यह सबसे बढ़िया तरीका है. वहीं, दूसरे ने कमेंट किया- प्रतीत होता है कि ध्रुवीकरण में, हरियाणवी गीत "बीमारू पतन" के उपयोग की घोषणा की, जिसे बंगाली लोग पसंद करते हैं.

ढाका विश्वविद्यालय में हुए कई विरोध प्रदर्शन

ढाका विश्वविद्यालय में 2024 में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिसमें छात्रों ने संस्थान द्वारा शुरू किए गए कोटा सुधारों का बड़े पैमाने पर विरोध किया है. इस प्रणाली के तहत सरकारी नौकरियों का एक निश्चित प्रतिशत विशिष्ट समूहों जैसे बांग्लादेशी स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए आरक्षित है. ढाका विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन ने इन कोटा को पूरी तरह से समाप्त नहीं किया, तो इसे कम करने और योग्यता-आधारित चयन को बहाल करने की मांग की. कोटा सुधार विरोध के परिणामस्वरूप 50 प्रदर्शनकारियों, लोगों और कई पुलिस कर्मियों की मौत हो गई, जहां हजारों लोग घायल भी हुए.

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