होली मनाना अपराध है? पकिस्तान की प्राइवेट यूनिवर्सिटी में उड़ा गुलाल तो स्टूडेंट्स के खिलाफ दर्ज हुई FIR

पूर्व सांसद लाल माल्ही ने दाऊद यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स, जिनमें से अधिकांश हिंदू थे उन्हें यूनिवर्सिटी में होली का जश्न मनाने के लिए नोटिस जारी किया गया. नोटिस सोशल मीडिया पर पोस्ट किया.;

Edited By :  रूपाली राय
Updated On : 24 Feb 2025 1:50 PM IST

पाकिस्तान भले ही अपने देश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं को जहां हर चीज की आजादी देने का दावा करता है, वहीं सच्चाई इसके विपरीत है. जब वह कि एक यूनिवर्सिटी में कुछ स्टूडेंट्स का होली मानना पकिस्तान को रास नहीं आया और उन स्टूडेंट्स के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई. दरअसल पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कराची शहर में एक जानी-मानी प्राइवेट यूनिवर्सिटी द्वारा अपने परिसर में हिंदू त्योहार होली मनाने के लिए छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की आलोचना की गई है.

पूर्व सांसद लाल माल्ही ने दाऊद यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्टूडेंट्स, जिनमें से अधिकांश हिंदू थे उन्हें यूनिवर्सिटी में होली का जश्न मनाने के लिए नोटिस जारी किया गया. नोटिस सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया कि यह एक पुराना मामला है और उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया कि स्टूडेंट्स के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की गई थी.

क्या होली मनाना अपराध है 

एक अधिकारी ने कहा, 'छात्रों को प्रशासन से मंजूरी लिए बिना परिसर में एक इवेंट ऑर्गनाइज करने के लिए नोटिस जारी किया गया था, जो यूनिवर्सिटी के नियमों का उल्लंघन है.' छात्रों ने पहले ही नोटिस का जवाब दे दिया है. लाल माल्ही ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक धार्मिक प्रथाओं के बढ़ते अपराधीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए सवाल किया, क्या होली का जश्न मनाना अब अपराध बन गया है? क्या किसी यूनिवर्सिटी में होली मनाना राज्य के खिलाफ कृत्य माना जाता है?.'

गैर-इस्लामिक मानते हैं

पिछले साल, होली त्योहार के दौरान कुछ अन्य प्रांतों में हिंदू छात्रों को इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा था. हालांकि मामला दब गया. इस्लामी पार्टियों की छात्र शाखाएं परिसरों में किसी भी कल्चरल लिबरल सेलिब्रेशन का विरोध करती हैं, यहां तक ​​कि मुस्लिम छात्रों द्वारा भी, उन्हें समाज के मानदंडों के खिलाफ और गैर-इस्लामिक मानते हैं. ऐसे समारोहों और पार्टियों के वायरल वीडियो के कारण परिसरों में छात्र समूहों के बीच संघर्ष और हिंसा हुई है. हिंदू जो ज्यादातर दक्षिणी सिंध प्रांत में रहते हैं, लंबे समय से दावा करते रहे हैं कि अधिकारियों द्वारा उनके साथ उचित व्यवहार नहीं किया जाता है, जबरन धर्म परिवर्तन और युवा गरीब हिंदू लड़कियों की मुसलमानों से शादी के मामले बढ़ रहे हैं. 

Similar News