हिंदुओं पर यूनुस सरकार का सितम! अल्पसंख्यकों पर लगातार केस दर्ज...क्या होगा भविष्य?
इस्कॉन के पुजारी चिन्मय दास और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने उनके सैंकड़ों समर्थकों के खिलाफ एक साथ कई मामला दर्ज किया है. रविवार को चटगांव में अदालत परिसर में चिन्मय दास और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली. इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.;
Bangladesh News: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार किया जा रहा है. पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. अब हिंदुओं को मौजूदा सरकार की ओर से भी परेशान किया जा रहा है. पुलिस प्रशासन या फिर कोर्ट समुदाय पर अत्याचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस्कॉन के पुजारी चिन्मय दास और उनके समर्थकों की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने उनके सैंकड़ों समर्थकों के खिलाफ एक साथ कई मामला दर्ज किया है. रविवार को चटगांव में अदालत परिसर में चिन्मय दास और पुलिस के बीच झड़प देखने को मिली. इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की.
164 व्यक्तियों पर केस दर्ज
ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को झड़के के बाद 164 व्यक्तियों और 400-500 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. इससे पहले 27 नवंबर को पुलिस ने तीन संबंधित मामले दर्ज किए थे, जिनमें कई व्यक्तियों और सैकड़ों अज्ञात लोगों को कानून प्रवर्तन में बाधा डालने और हमला करने के आरोप में अरेस्ट किया गया था.
व्यापारी और हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश के कार्यकर्ता इनामुल हक ने चटगांव मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट मोहम्मद अबू बकर सिद्दीकी की कोर्ट में शिकायत दायर की थी. 26 नवंबर को कोर्ट में जमीन रजिस्ट्री का पूरा करने के बाद दास समर्थकों ने उन पर हमला किया था. उन्होंने दावा किया कि हमले में उसके दाहिने हाथ और सिर में चोट आईं.
इस्कॉन कोलकाता का आरोप
इस्कॉन कोलकाता ने प्रवक्ता राधारमण दास ने रविवार को आरोप लगाया कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी समुदाय खुलेआम इस्कॉन भक्तों और उनके समर्थकों के विनाश करने के लिए लोगों को भड़का रहे हैं. इन कट्टरपंथियों से निपटने के लिए वहां की सरकार डर हुई है. दास ने चेतावनी दी कि इस तरह के अनियंत्रित घृणास्पद भाषण और उकसावे से अल्पसंख्यकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती है
क्यों हो रहे दंगे?
बांग्लादेश में 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से देशद्रोह के मामले में चिन्मय दास की गिरफ्तारी हुई थी. इसके बाद उनके समर्थकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था. 26 नवंबर को उनकी जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद चटगांव में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान सहायक सरकारी अभियोजक सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या कर दी गई थी. फिर 3 दिसंबर को बांग्लादेश की एक अदालत ने सरकारी याचिका पर चिन्मय कृष्ण की जमानत याचिका पर सुनवाई 2 जनवरी तक के लिए टाल दी थी क्योंकि उनकी ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ था.