'भाई... भाई, यह गिर रहा है', इजरायल में रहने वाले भारतीयों ने बताया- खौफनाक मंजर
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव ने उन्हें कट्टर दुश्मन बना दिया है, जिससे स्थिति जंग की ओर बढ़ती दिख रही है. इस दौरान, इजरायल के तेल अवीव में कई भारतीय छात्र, जैसे कोलकाता के नीलाब्जा रॉयचौधरी और तेलंगाना के राजेश मेडीचेरला, खतरनाक हालात का सामना कर रहे हैं.;
ईरान और इजरायल के बीच के तनाव ने उन्हें कट्टर दुश्मन बना दिया और हालात जंग की ओर बढ़ते दिख रहे हैं. इस बीच, इजरायल के तेल अवीव में कई भारतीय छात्र, जैसे कोलकाता के नीलाब्जा रॉयचौधरी, इलान विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं. नीलाब्जा ने कहा, 'यह दिन-प्रतिदिन भयावह होता जा रहा है.' वहीं, तेलंगाना के राजेश मेडीचेरला, जो वहां केयरगिवर के रूप में काम कर रहे हैं, ने कहा, 'स्थिति बहुत कठिन है... हमने इससे पहले कभी इतनी भयावह स्थिति नहीं देखी.'
इस कड़ी में, मेडीचेरला ने एक वीडियो साझा करते हुए बताया कि तेल अवीव में एक इमारत पर मिसाइल गिरती दिखाई दे रही है, और वह तेलुगु में कह रहे हैं, "भाई, यह गिर रहा है!" उन्होंने कहा, "यह अकल्पनीय था कि मिसाइलें तेल अवीव तक पहुँच जाएँगी. ईरान के मिसाइल हमलों ने इज़राइल में कई भारतीय कामगारों और छात्रों को गहरी चिंता में डाल दिया है. हालाँकि वे इस समय सुरक्षित हैं, लेकिन डर बढ़ रहा है क्योंकि तनाव और अधिक बढ़ सकता है.'
छात्र अपने घर वापस लौटने के लिए बेताब
उत्तरी इजरायल के सफेद में रहने वाले रॉय चौधरी ने कहा कि 'इजरायल में रह रहे और काम कर रहे बंगाल के कई छात्र घर लौटने के लिए बेताब हैं लेकिन ज्यादातर उड़ानें रद्द कर होने के कारण वह अपने प्रयाशों में निराश हो जाते है. बीते दिन बुधवार को वे विदेश मंत्रालय से बाहर जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. कुछ दिन पहले एक बम एक दोस्त के घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर गिरा था. जिसका फुटेज CCTC में कैद हो गया है. इसके साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि यह उसका घर भी हो सकता है. बीते कई साल इजरायल- हमास ने संघर्ष ने ज्यादा प्रभावित नहीं किया लेकिन कई बार यह अलग है.'
भारतीय छात्रों ने सुनाया भयावह मंजर की कहानी
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उत्तरी शहरों जैसे सफेद और हाइफा पर अधिक प्रभाव पड़ा है. सीमा के निकट स्थित गांवों को खाली कराया जा रहा है, और सायरन की आवाज़ के कारण निवासियों को घंटों तक बंकरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा है. तेलंगाना के एक अन्य नागरिक ने कहा कि घर पर उनकी कमाई की तुलना में इजरायल में पांच गुना अधिक आय हो रही है. उन्होंने आगे कहा, 'मुझे अपने दो बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना है, लेकिन संकट के कारण हमारी संकल्प की परीक्षा हो रही है.'
तेल अवीव जिले के रमत गान शहर में लगभग 600 से 700 तेलंगाना के लोग रह रहे हैं. लेबनान में हिज़्बुल्लाह पर इज़राइल के हमलों के बाद, कुछ लोग पिछले महीने भारत लौट गए थे, लेकिन कई अभी भी यहीं रह गए हैं. हाइफा, जो पहले सुरक्षित था, अब संघर्ष का सामना कर रहा है. हाइफा विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र शंखनावा कुंडू ने कहा कि मिसाइल अवरोधन और विस्फोटों ने जीवन को भयावह बना दिया है. उन्होंने बताया कि भारतीय दूतावास ने उन्हें सतर्क रहने और स्थानीय सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है'