Brics Currency की पहली तस्‍वीर आई सामने, अमेरिकी डॉलर को मिलेगी कड़ी चुनौती

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिक्स देश करेंसी बैंकनोट लॉन्च की योजना बना रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन को 'बैंक नोट' भेंट किए जाने के बाद उन्होंने इसे अन्य मंत्रियों को भी दिखाया. रूसी राष्ट्रपति ने ग्लोबल आई न्यूज़ ने मुद्रा का अनावरण करते किया. साथ ही एक्स पोस्ट में फोटो शेयर की है.;

( Image Source:  @GlobeEyeNews )
Edited By :  निशा श्रीवास्तव
Updated On : 24 Oct 2024 11:13 AM IST

BRICS Summit 2024: ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सदस्यीय देशों ने अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिक्स देश करेंसी बैंकनोट लॉन्च की योजना बना रहे हैं. इस कदम से अमेरिकी डॉलर पर असर देखने को मिलेगा.

यूरेशिया डेली के अनुसार कज़ान शिखर सम्मेलन में 'बैंक नोट' को लेकर चर्चाएं हुई थीं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बैंकनोट भेंट के रूप में मिला था, जिसकी अब तस्वीरें सामने आई हैं. हालांकि देश के सेंट्रल बैंक की प्रमुख एल्विरा नबीउलिना को यह विचार पसंद नहीं आया. रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन को 'बैंक नोट' भेंट किए जाने के बाद उन्होंने इसे अन्य मंत्रियों को भी दिखाया. रूसी राष्ट्रपति ने ग्लोबल आई न्यूज़ ने मुद्रा का अनावरण करते किया. साथ ही एक्स पोस्ट में फोटो शेयर की है.

कैसा होगी ब्रिक्स की करेंसी?

रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिक्स की नई करेंसी यानी नोट को 'यूनिट' कहा जा सकता है. इस महीने की शुरुआत में द जेरूसलम पोस्ट ने बताया कि ब्रिक्स बैंक नोट '40% सोने से और 60% सदस्य मुद्राओं के भंडार से समर्थित होगा.' इस पर अधिकारियों ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वहीं यूजर्स ने पुतिन की बैंकनोट के साथ तस्वीरें पोस्ट की हैं. एक रूसी समाचार के बताया कि नोट ब्रिक्स ढांचे के तहत होगा. नोट के सामने ब्रिक्स के संस्थापक देशों-रूस, चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के झंडे देखे जा सकते हैं.

ब्रिक्स समूह लेकर आ रहे खुद की करेंसी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर को टक्कर देने के लिए नई करेंसी लेकर आ रहे हैं. इससे पहले साल 2023 में यह चर्चाएं हो रही थी कि ब्रिक्स राष्ट्र अमेरिकी डॉलर के प्रभाव को कम करने के लिए 'बैंक नोट' को एक विकल्प के रूप में देख रहे हैं.

क्यों उठ रही नई करेंसी की मांग?

ब्रिक्स देश पिछले कई समय से अपनी खुद की करेंसी लाने पर विचार कर रहे हैं. इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है. चीन और रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाए गए हैं. जिसके बाद से इसकी डिमांड और बढ़ रही है. मांग है कि ब्रिक्स देशों को एक नई आरक्षित मुद्रा स्थापित करनी चाहिए. इससे अमेरिकी डॉलर पर काफी असर देखने को मिलेगा. बता दें कि अप्रैल 2023 में ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डिसिल्वा ने ब्रिक्स मुद्रा का समर्थन किया.

दुनिया में डॉलर का कब्जा

दुनिया भर में अमेरिकी डॉलर का काफी प्रभाव देखने को मिलता है.सभी मुद्रा व्यापार का करीब 90 फीसदी हिस्सा डॉलर का है. 2023 से पहले करीब 100 फीसदी पेट्रोलियम का कारोबार अमेरिकी डॉलर में किया जाता था. तेल व्यापार में भी इसका 20 फीसदी हिस्सा है. ब्रिक्स देश अब नई करेंसी की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे अमेरिका की चिंता बढ़ गई है.

Similar News