बिटकॉइन चढ़ा आसमान तो सोना गिरा धड़ाम! ट्रम्प की जीत फाइनेंशियल मार्केट पर कैसे डाल रही असर?
Gold down, Bitcoin up: अमेरिकी चुनाव के बाद सोने की कीमतों में लगभग 5% की गिरावट आई है, जबकि बिटकॉइन में 30% की वृद्धि हुई है. बाजार में यह बदलाव रिपब्लिकन नीतियों की अपेक्षाओं के कारण है, जो आने वाले आर्थिक विकास और मुद्रास्फीति को बढ़ावा दे सकती हैं.;
Gold down, Bitcoin up: अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रम्प की जीत फाइनेंसियल मार्केट पर खासा प्रभाव डाल रहा है. ये सब तब हो रहा है जब ट्रम्प ने अब तक शपथ लेकर सत्ता भी नहीं संभाला है. सोना में लगभग 5% की गिरावट देखी गई है, जबकि दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी 'बिटकॉइन' में लगभग 30% की वृद्धि हुई है, जो कि ऐतिहासिक है.
गेवेकल रिसर्च की रिसर्च के मुताबिक, मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिपब्लिकन पार्टी की जीत सोने के लिए नकारात्मक और बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के लिए सकारात्मक साबित हो रहा है.
सोने की कीमतों में गिरावट
सोने की गिरावट अमेरिकी फिस्कल और मॉनिटरी पॉलिसी से जुड़ी उम्मीदों से जुड़ी हुई है. रिपब्लिकन से कर की कटौती, सरकारी खर्च में वृद्धि और रेगुलेटरी बाधाओं को कम करने की उम्मीद है. ये सभी मजबूत आर्थिक विकास और हाई इन्फ्लेशन को बढ़ावा दे सकते हैं. यही कारण है कि अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है, जिसने सोने पर दबाव डाला है.
अगर रिपब्लिकन की नीतियों से इनफ्लेशन बढ़ती है तो फेडरल रिजर्व (फेड) को अपने ढील चक्र को रोकने और यहां तक कि दरों में बढ़ोतरी पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है. नीति में बदलाव से अमेरिकी डॉलर और मजबूत हो सकता है, जिससे सोने पर दबाव बना रहेगा.
बिटकॉइन की कीमतों में उछाल
सोने से ठीक उल्टा बिटकॉइन को अधिक अनुकूल बाजार परिवेश से लाभ हुआ है. यह माना जा रहा है कि ट्रम्प की नीतियां आर्थिक विकास और इनोवेशन को बढ़ावा दे सकती हैं. इसके साथ ही रेगुलेटरी बदलाव की संभावना ने इन्वेस्टर्स को क्रिप्टोकरेंसी की ओर अट्रैक्ट किया है. बिटकॉइन की कमी अट्रैक्शन का कारण बन जाती है.
सोने और बिटकॉइन के लिए आगे की राह
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने और बिटकॉइन के बीच मौजूदा अंतर बाजार में अपेक्षा से अधिक है. जबकि सोने का भविष्य का प्रदर्शन राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों से निकटता से जुड़ा हुआ है. बिटकॉइन की वृद्धि मुख्यधारा की डिजिटल संपत्ति, तकनीकी प्रगति और नियामक बदलावों पर निर्भर करता है.
एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि 'शॉर्ट गोल्ड, लॉन्ग बिटकॉइन' की स्थिति लेने वाले इन्वेस्टर्स को इसमें शामिल जोखिमों का सावधानीपूर्वक आकलन करना चाहिए, क्योंकि दोनों ही एसेट चुनौतियों और अवसरों का सामना करती हैं.