तालिबानीकरण की राह पर बांग्लादेश, हिंदू त्योहारों पर बैन, आजादी की निशानी मिटाने की तैयारी, आखिर चाहते क्या हैं मोहम्मद यूनुस?

Muhammad Yunus On Footprint of Talibanization: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदायों पर लगातार हिंसा हो रहे हैं. वहीं उनके त्योहारों पर सरकार बैन लगाने की तैयारी में है. यही नहीं बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद करने वालों की निशानी भी यूनुस सरकार खत्म कर देना चाहती है. ;

Muhammad Yunus On Footprint of Talibanization
Edited By :  सचिन सिंह
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Muhammad Yunus On Footprint of Talibanization: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस के आने के बाद देश की स्थिति काफी बदल गई है. वह देश को अब पूरी तरह से शरिया कानून के तहत चलाना चाहते हैं. यहीं कारण है कि बांग्लादेश में पहले तो हिंदुओं पर हिंसा हुई और फिर उनके त्योहारों पर बैन लगाने का काम किया गया.

अमेरिका और अन्य पश्चिमी देश जो मोहम्मद यूनुस का समर्थन कर रहे हैं. बांग्लादेश भी धीरे-धीरे अफगानिस्तान की राह पर जा रहा है, पूरी तरह सच साबित हो रही है. अल्पसंख्यकों, हिंदुओं पर लगातार हमलों के अलावा गंभीर संकट से जूझ रहे इस गरीब देश में कट्टरपंथी इस्लामवादी मुसलमानों को निशाना बनाकर उन्हें कठोर शरिया कानूनों का पालन करने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट

बांग्लादेश की कोर्ट ने पूर्व पीएम शेख हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है. उन्हें बांग्लादेश से भागने के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है. वहीं भारत में उनकी मौजूदगी से बांग्लादेश नाराज है. इस वजह से उन्होंने हसीना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है.

आजादी के दीवानों की यादें कर रहे हैं खत्म

मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश को तालिबानी रास्ते पर ले जाना चाह रहे हैं. शेख हसीना को हटाने के बाद वह अब बांग्लादेश को आजादी दिलाने वाले शेख मुजीबुर रहमान से जुड़ी यादों को मिटाने के मिशन पर लग गई है. सरकार देश के मुक्ति संग्राम से जुड़े 7 मार्च और 15 अगस्त के समारोह समेत 8 राष्ट्रीय दिवसों को रद्द करने फैसला किया है. इस फैसले की बांग्लादेश में ही आलोचना हो रही है.

सुरक्षित नहीं हिंदू और त्योहारों पर भी बैन

पुराने ढाका के तांती बाजार इलाके में एक दुर्गा पूजा मंडप पर कथित तौर पर एक देशी बम फेंका गया. बमबारी में आग लग गई, लेकिन कोई घायल नहीं हुआ. हिंसा के दौरान हिंदुओं पर जमकर हमला किए गए थे. इसके साथ ही कई मंदिरों और लोगों के घरों में तोड़फोड़ भी की गई थी. इससे पहले दुर्गा पूजा पर बैन की बात भी कही गई थी. इसके साथ ही कहा गया था कि सरकार हिंदू के त्योहारों पर बैन लगाना चाहती है. कथित तौर पर कई कट्टरपंथी समूहों की ओर से दुर्गा पूजा समितियों से पंडाल लगाने पर जजिया टैक्स के तौर पर 5 लाख रुपये की मांग की गई थी. सरकार ने ये भी फरमान जारी किया था कि अजान और नमाज के वक्त हिंदू पूजा-पाठ और लाउडस्पीकर बंद करें. 

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