17 और 21 के फेर में क्यों फंसा बांग्लादेश, आखिर कौन सी क्रांति करना चाहते है यूनुस?
Bangladesh General Election: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश में होने वाले आम चुनाव के लिए मतदान की उम्र को घटाकर 17 साल करने पर विचार कर रही है. वहीं, सांसदों के लिए न्यूनतम उम्र को भी घटाकर 21 साल किया जा सकता है.;
Bangladesh General Election: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार आने वाले आम चुनाव को लेकर 17 और 21 का गेम खेलने वाली है. इसे वह देश की राजनीति में युवाओं को आगे लाने का नाम दे रही है, लेकिन युवाओं के बदौलत शेख हसीना की सत्ता को उखाड़ फेंकना और फिर अंतरिम सरकार का मुखिया बन जाने के बाद मोहम्मद यूनुस की ये नई चाल है. अब वो एक बार फिर से युवाओं के कंधे चलकर सत्ता में आना चाहते हैं.
मोहम्मद यूनुस अगले आम चुनाव से पहले वोटर्स की उम्र सीमा घटाकर 17 साल करने के पक्ष में हैं, ताकि अधिक युवा लोग नीति और राष्ट्र निर्माण में शामिल हो. यूनुस के प्रस्ताव के मुताबिक, माना जाता है कि संवैधानिक सुधार आयोग भी सांसद बनने की आयु सीमा को घटाकर 21 साल करने पर विचार कर रहा है. यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में आम चुनाव अगले साल के अंत (2025) या 2026 की शुरुआत में होंगे.
युवाओं की भागीदारी क्यों चाहते हैं यूनुस?
बांग्लादेश में लगभग 27 प्रतिशत युवा हैं. उनमें से लगभग 90 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में रहती हैं. ऐसे में आने वाले आम चुनाव को लेकर उनकी नजर इन वोटों पर है, जिससे वो सत्ता में वापसी कर सकें. चूंकि, युवाओं का समर्थन उन्हें पहले से ही मिला हुआ है, ऐसे में वह चुनाव में वोटिंग के लिए उनकी उम्र सीमा को घटाकर उनका ध्यान और अपनी ओर खिंचना चाहते हैं, तानी आने वाले आम चुनाव में भारी समर्थन जुटा सके.
फिलहाल 25 साल की उम्र में सांसद बन सकते बांग्लादेशी
बांग्लादेश में सांसद बनने के लिए वर्तमान में न्यूनतम आयु 25 साल है. यूनुस ने कहा, 'युवा भी देश के भविष्य में रुचि रखते हैं. अपने भविष्य के बारे में उनकी राय जानने के लिए मुझे लगता है कि मतदान की न्यूनतम आयु 17 साल तय की जानी चाहिए.'
संवैधानिक सुधार आयोग के प्रमुख प्रोफेसर अली रियाज ने इस बात को कनफर्म किया है कि पैनल एक क्रांतिकारी बदलाव पर विचार कर रहा है, जिससे 21 वर्षीय व्यक्ति के लिए सांसद बनना संभव हो जाएगा. रियाज ने कहा कि आयोग राजनीतिक दलों से अनुरोध करेगा कि वे अपनी सीटों में से एक-चौथाई या एक-तिहाई सीटों पर युवाओं को जगह दें.
बांग्लादेश में यूनुस से भिड़े बीएनपी नेता
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के महासचिव मिर्ज़ा फ़ख़रुल इस्लाम आलमगीर ने कहा कि पार्टी जल्द से जल्द चुनाव कराने पर जोर दे रही है, ताकि यहां जल्द से जल्द लोकतंत्र स्थापित हो. बीएनपी के सीनियर संयुक्त सचिव रूहुल कबीर रिज़वी ने गुरुवार को एक अन्य कार्यक्रम में आरोप लगाया कि एक सरकारी खुफिया एजेंसी देश में 'राजा की पार्टी' स्थापित करने के लिए काम कर रही है.
शेख हसीना के प्रत्यार्पण की मांग
शेख हसीना के पतन के बाद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार का पद संभाला था. हसीना कोटा विरोधी प्रदर्शनकारियों और देश की सेना के बढ़ते दबाव के बीच 5 अगस्त को अपने पद से हट गईं और देश छोड़कर भाग गईं. फिलहाल वो भारत में हैं, जिनके प्रत्यार्पण की मांग लगातार बांग्लादेश कर रहा है.