मुनीर के दो दौरों में बदला अमेरिका का टोन, भारत पर हमला करने वाले पाक को कैसे मिल गया 'शांति दूत' का तमगा?

अमेरिका और पाकिस्तान की नजदीकियां तेजी से बढ़ रही हैं. पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर कुछ महीनों में दूसरी बार अमेरिका पहुंचे, जहां दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी किया. अमेरिका ने पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की तारीफ की, जबकि पहलगाम हमले में पाक की भूमिका के सबूत मौजूद हैं. विशेषज्ञ इसे दक्षिण एशिया में बदलते समीकरण से जोड़कर देख रहे हैं.;

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Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 13 Aug 2025 8:13 AM IST

अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से नजदीक आए हैं. पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर का यह कुछ ही महीनों में दूसरा अमेरिका दौरा है. पहले जहां अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवाद पर कड़ा संदेश देता था, अब उसका लहजा बदला हुआ दिख रहा है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें अमेरिका ने पाकिस्तान की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जमकर तारीफ की.

मंगलवार (12 अगस्त) को इस्लामाबाद में अमेरिका और पाकिस्तान के बीच काउंटर टेररिज्म डायलॉग हुआ. बैठक के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान की ओर से आतंक के खिलाफ उठाए गए कदमों की सराहना की और पाकिस्तान में हाल में हुए आतंकी हमलों में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की. यह रुख तब है, जब अमेरिका को पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता की जानकारी है.

पाक विदेश मंत्रालय का बयान

संयुक्त बयान में पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, "अमेरिका ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले संगठनों पर लगाम लगाने में पाकिस्तान की सफलता की सराहना की. साथ ही जाफर एक्सप्रेस पर हुए हमले और खुजदार में स्कूल बस पर आतंकी अटैक के पीड़ितों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की." पाकिस्तान के इस बयान को अमेरिका के बदलते तेवर का संकेत माना जा रहा है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बदलता समीकरण

पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के ठोस सबूत भारत के पास हैं. इस हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जवाबी कार्रवाई की थी. इसके तुरंत बाद आसिम मुनीर अमेरिका दौरे पर गए और अब वे दूसरी बार फिर वहां पहुंचे. अमेरिका और भारत के बीच हालिया तनाव ने पाकिस्तान के साथ उसके संबंध और मजबूत कर दिए हैं.

भारत विरोधी बयानों से नहीं बाज मुनीर

जनरल आसिम मुनीर कई मौकों पर भारत के खिलाफ आक्रामक बयान दे चुके हैं. यहां तक कि अपने हालिया अमेरिका दौरे में भी उन्होंने भारत को निशाना बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ा. उनकी यह बयानबाजी दोनों देशों के बीच बढ़ते रणनीतिक तालमेल की दिशा पर सवाल खड़े करती है.

रणनीतिक खेल या कूटनीतिक बदलाव?

अमेरिका की पाकिस्तान के प्रति बदली हुई भाषा को विशेषज्ञ दक्षिण एशिया में बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों से जोड़कर देख रहे हैं. अफगानिस्तान, चीन और भारत के बीच संतुलन बनाने की कोशिश में अमेरिका पाकिस्तान को फिर से अहम साझेदार के रूप में देख सकता है. हालांकि, भारत के लिए यह संकेत चिंताजनक है, खासकर तब जब आतंकवाद पर अमेरिका का रवैया उसके अपने बयान से उलट नजर आने लगे.

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