ईरान के Fordow परमाणु केंद्र का खौफ इतना कि अमेरिकी हमले के बाद इजरायल ने दूसरी बार की ताबड़तोड़ बमबारी, क्यों?
अमेरिका और इजरायल ईरान के फोर्डो परमाणु केंद्र से इसलिए भी डरता है कि उसकी क्षमता हथियार-ग्रेड के करीब के स्तर तक यूरेनियम को तेजी से समृद्ध करने की क्षमता है. सतह से 80 से 90 मीटर नीचे स्थित है. इस सुविधा को केवल अमेरिका द्वारा लक्षित किया जा सकता था, क्योंकि इजराइल के पास संयंत्र को नष्ट करने के लिए आवश्यक गोला-बारूद नहीं हैं.;
अमेरिका द्वारा ईरान के अंडरग्राउंड फोर्डो परमाणु सेंटर हमले के बाद इजरायल ने नये सिरे से वहीं पर बमबारी की. इसके अलावा, उसने तेहरान पर भी बमबारी की. ईरानी मीडिया ने इस बात की पुष्टि की है. इजरायल ने खुद अमेरिका द्वारा फोर्डो सेंटर पर दूसरी बार बमबारी के बाद ईरान के सैन्य बुनियादी ढांचे पर "सबसे बड़ा और घातक हलले को अंजाम देने का दावा दिया है.
तसनीम न्यूज एजेंसी के मुताबिक इजरायल ने फोर्डो पर ताजा हमला अमेरिकी वायु सेना द्वारा GBU-57 "बंकर बस्टर" बमों और टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से परमाणु स्थल के साथ-साथ नतांज और इस्फहान में सुविधाओं पर हमला करने के कुछ घंटों बाद यह हमला किया था. इजरायल के इस रुख के बाद से यह चर्चा है कि क्या अमेरिकी हमले से फोर्डो का उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना लक्ष्य तय किया गया. अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने अभी यह नहीं बताया कि 'ऑपरेशन मिडनाइट हैमर' का कितना प्रभाव पड़ा?
IAEA का विकिरण के स्तर में बढ़ोतरी से इंकार
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानीकर्ता ने कहा कि बमबारी ने संभवतः फोर्डो के भूमिगत क्षेत्रों को "बहुत महत्वपूर्ण" नुकसान पहुंचा है. जबिक अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने निकाय की एक आपातकालीन बैठक में कहा, "उपयोग किए गए विस्फोटक पेलोड और सेंट्रीफ्यूज की अत्यधिक कंपन-संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए, बहुत महत्वपूर्ण क्षति होने की उम्मीद है."
IAEA ने इससे पहले कहा था कि अमेरिकी हमलों के बाद ऑफ-साइट विकिरण के स्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई थी. हालांकि, रॉयटर्स द्वारा प्राप्त वाणिज्यिक उपग्रह चित्रों से पता चला है कि फोर्डो परमाणु संयंत्र और उसमें लगे यूरेनियम संवर्धन सेंट्रीफ्यूज को गंभीर क्षति पहुंची है. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का यह आकलन ट्रम्प प्रशासन के बधाई बयानों के बिल्कुल उलट है.
क्या है फोर्डो परमाणु केंद्र पर बार-बार हमले की वजह?
ईरान द्वारा निर्मित फोर्डो परमाणु सेंटर तेहरान से लगभग 100 किलोमीटर (60 मील) दक्षिण-पश्चिम में स्थित है. इसमें सेंट्रीफ्यूज कैस्केड भी हैं, लेकिन यह नतांज जितना बड़ा नहीं है. IAEA के अनुसार इसका निर्माण 2007 में शुरू हुआ था. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी संस्था को इस सुविधा के बारे में 2009 में सूचित किया था. जब अमेरिका और सहयोगी पश्चिमी खुफिया एजेंसियों को इसके अस्तित्व के बारे में पता चला.
फोर्डो परमाणु केंद्र पहाड़ के नीचे दबे और विमान-रोधी बैटरियों से सुरक्षित और हवाई हमलों को झेलने की क्षमता वाला सेंटर है. सैन्य विशेषज्ञों ने कहना है कि फोर्डो को केवल 'बंकर बस्टर' बमों द्वारा लक्षित किया जा सकता है. अमेरिकी शस्त्रागार में GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डिनेंस पेनेट्रेटर बम है, जिसकी क्षमता लगभग 30,000 पाउंड (13,600 किलोग्राम) का सटीक-निर्देशित बम गहराई से दबे और कठोर बंकरों और सुरंगों पर हमला करने और उसे बर्बाद करने की क्षमता है.
अमेरिका और इजरायल के लिए फोर्डो की अहमियत इसलिए भी ज्यादा है कि यहां पर हथियार-ग्रेड के करीब के स्तर तक यूरेनियम को तेजी से समृद्ध करने की क्षमता है. सतह से 80 से 90 मीटर नीचे स्थित है. इस सुविधा को केवल अमेरिका द्वारा लक्षित किया जा सकता था, क्योंकि इजराइल के पास संयंत्र को नष्ट करने के लिए आवश्यक गोला-बारूद नहीं है.