1 अगस्त से झटका! ट्रंप के 25% टैरिफ लगाने के बाद भारत के इन 10 सेक्टरों को होगा नुकसान, जानिए किस इंडस्ट्री पर होगा असर

अमेरिका ने 1 अगस्त से भारत पर 25% टैरिफ लागू करने की घोषणा कर दी है. राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से व्यापार को लेकर पेनल्टी की चेतावनी भी दी है. इसका सीधा असर भारत के टेक्सटाइल, ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और एनर्जी सेक्टर पर पड़ेगा. जानकारों का कहना है कि इससे भारत का अरबों डॉलर का निर्यात घाटा हो सकता है.;

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Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 31 July 2025 8:38 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-अमेरिका के बीच प्रस्तावित टैरिफ वार्ता से पहले ही बड़ा कदम उठाते हुए भारत पर 25 प्रतिशत का आयात शुल्क (टैरिफ) लगा दिया है. 1 अगस्त से प्रभावी होने वाले इस टैरिफ के साथ ट्रंप प्रशासन ने रूस से व्यापार करने पर भारत को अतिरिक्त पेनल्टी देने की चेतावनी भी दी है. इससे भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों में नया तनाव आ गया है.

भारत हर साल अमेरिका को अरबों डॉलर का सामान एक्सपोर्ट करता है. अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, और ऐसे में इस टैरिफ का असर टेक्सटाइल, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो, फार्मा और एनर्जी सेक्टर जैसे कई क्षेत्रों पर पड़ेगा. आइए जानें किन सेक्टरों पर पड़ेगा सबसे गंभीर असर...

टेक्सटाइल और गारमेंट्स

भारत अमेरिकी बाजार के लिए एक प्रमुख टेक्सटाइल और गारमेंट निर्यातक है. 25% टैरिफ लागू होते ही भारतीय परिधान अमेरिकी मार्केट में महंगे हो जाएंगे. इससे अमेरिका में मौजूद रिटेल ब्रांड भारतीय कंपनियों से कम ऑर्डर दे सकते हैं या फिर सस्ते विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं, जैसे वियतनाम और बांग्लादेश. इससे भारत का एक्सपोर्ट घट सकता है और लाखों कर्मचारियों वाली इंडस्ट्री प्रभावित होगी.

ज्वेलरी और डायमंड

भारत दुनिया का सबसे बड़ा कट और पॉलिश्ड डायमंड एक्सपोर्टर है और अमेरिका इसका सबसे बड़ा ग्राहक. नए टैरिफ के चलते हीरे और ज्वेलरी के दाम अमेरिकी बाजार में बढ़ेंगे. इससे वहां के रिटेलर्स भारत की जगह थाईलैंड या बेल्जियम जैसे देशों से हीरे खरीदना शुरू कर सकते हैं. यह भारत के लिए अरबों डॉलर के घाटे का कारण बन सकता है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर

भारत से अमेरिका को ऑटो पार्ट्स और कुछ खास तरह की गाड़ियां निर्यात की जाती हैं. पहले ही स्टील और एल्यूमिनियम पर टैरिफ लग चुका है, अब ऑटो सेक्टर भी 25% के दायरे में आ गया है. इससे अमेरिका में इनकी कीमतें बढ़ेंगी और प्रतिस्पर्धा घटेगी. छोटे और मिड-लेवल सप्लायर्स को इसका सीधा नुकसान होगा, जो अमेरिकी बाजार पर निर्भर हैं.

मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स

भारत अमेरिका को करीब 14 अरब डॉलर के मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भेजता है. टैरिफ लागू होने के बाद ये उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जिससे अमेरिकी ग्राहक दक्षिण कोरिया, वियतनाम या चीन की तरफ रुख कर सकते हैं. इससे भारतीय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर असर पड़ेगा और हजारों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं.

फार्मा, सेमीकंडक्टर और एनर्जी

अभी तक दवाइयों, चिप्स, एलएनजी और तेल जैसे उत्पादों को अमेरिका ने टैरिफ से छूट दी थी, लेकिन 1 अगस्त के बाद ये सेक्टर भी प्रभावित हो सकते हैं. भारत का फार्मा सेक्टर खासकर अमेरिका में अपनी कम कीमत और गुणवत्ता के कारण लोकप्रिय है, लेकिन नई पॉलिसी के तहत वहां प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और भारत के मार्जिन पर असर पड़ेगा.

कितना होगा भारत को नुकसान?

जानकारों का मानना है कि इस टैरिफ से भारत को सालाना 2 से 7 अरब डॉलर के बीच निर्यात घाटा हो सकता है. 2023-24 में भारत ने अमेरिका को लगभग 77.52 अरब डॉलर का माल भेजा था, जो कुल निर्यात का लगभग 18% है। ऐसे में 25% का सीधा टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था के लिए न केवल एक कारोबारी झटका होगा, बल्कि राजनयिक चुनौती भी बन सकता है.

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