असम के साथ ही देश ने अपना गौरव और सितारा खो दिया - जुबिन गर्ग. असमिया और हिंदी संगीत के दिग्गज गायक होने के साथ-साथ वह एक संवेदनशील और दयालु इंसान भी थे, जिनका दिल लाखों लोगों के लिए धड़कता था. COVID-19 महामारी के दौरान उन्होंने अपने घर को कोविड केयर सेंटर में बदलकर जरूरतमंदों की मदद की. 40 से अधिक भाषाओं और बोलियों में 35,000 से ज्यादा गीत गाए, जो सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि प्यार, उम्मीद, दर्द, हंसी और विश्वास फैलाने वाले थे. उन्होंने हमेशा ईमानदारी, न्याय और इंसानियत के मूल्यों पर कायम रहते हुए किसी भी राजनीतिक या लोकप्रिय दबाव को नहीं माना. उन्होंने अत्याचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई, जैसे कि गुवाहाटी की एक लड़की की मदद कर उसे न्याय दिलाना. उनका जीवन इंसानियत और कला का प्रेरक उदाहरण है.