जुबिन गर्ग की वो Mercedes, जिसे उन्होंने अपने दिल की धड़कन कहा था, अब उनकी यादों की सबसे बड़ी निशानी बन चुकी है. इसी कार में उन्होंने अपने गीतों की धुनें गढ़ीं और अपने सपनों को सड़क पर दौड़ते देखा. लेकिन ‘रोई रोई बिनाले’ की रिलीज़ से पहले जुबिन के जाने के बाद यह कार उनके अधूरे ख्वाबों की गवाही देती है. जुबिन चले गए, पर उनकी धड़कन अब भी इस कार में बसती है.