2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद विपक्ष, खासकर कांग्रेस ने जहां सवाल उठाए थे, वहीं ऑपरेशन सिंदूर पर नज़ारा पूरी तरह बदला हुआ है. 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद कांग्रेस ने तुरंत सरकार का समर्थन किया था और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने खुलेआम सेना को सलाम किया. प्रियंका गांधी के सुझाव पर कांग्रेस ने अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम तक स्थगित कर दिए. न ही इस बार खुफिया नाकामी को लेकर कोई सियासी घमासान खड़ा हुआ और न ही सरकार की नीयत पर सवाल उठाए गए. इससे साफ है कि ऑपरेशन सिंदूर केवल सैन्य प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक बड़ा बदलाव दर्शाता है, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा पर राजनीति से ऊपर उठकर एकता दिखाई दी.