बंगाल की राजनीति में हुमायूं कबीर एक ऐसा नाम हैं, जो सत्ता में रहते हुए भी हमेशा बागी बने रहे. मुर्शिदाबाद के एक छोटे गांव से निकलकर साइकिल की दुकान चलाने वाले हुमायूं कबीर कांग्रेस विधायक बने, फिर तृणमूल कांग्रेस में मंत्री रहे और बाद में बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा. 2021 में टीएमसी में वापसी के बाद 6 दिसंबर को बाबरी मस्जिद के नाम पर शिलान्यास कर उन्होंने नया विवाद खड़ा कर दिया. पार्टी से निष्कासन, ममता बनर्जी पर हमले और नई पार्टी का ऐलान. यह कहानी है बंगाल की सबसे विवादित राजनीतिक यात्रा की.