बिहार एक बार फिर सियासी घमासान का केंद्र बन गया है. इस बार विवाद की जड़ है चुनाव आयोग द्वारा शुरू किया गया वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intense Revision - SIR). विपक्षी दलों, खासकर इंडिया गठबंधन के नेताओं का आरोप है कि यह प्रक्रिया गरीब, वंचित और अल्पसंख्यक मतदाताओं के नाम हटाने के इरादे से शुरू की गई है. इस बीच आम लोगों को भी इस प्रक्रिया में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर है कि इस बार जरूरी दस्तावेजों में से आधार कार्ड को हटा दिया गया है. विपक्ष सवाल कर रहा है कि जब सरकार ने पहले आधार को जरूरी बना दिया था, तो अब अचानक इसे क्यों हटा दिया गया? इस मुद्दे ने 2025 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल को बेहद गर्म कर दिया है.